Andhra Pradesh Politics: आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू लगातार YSRCP के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं, गुरुवार को आंध्र प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही के दौरान उन्होंने टीडीपी के उन सभी विधायकों से खड़े होने को कहा जिन पर पिछली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार ने मामले दर्ज किए थे। इसके चलते लगभग 160 विधायक सदन में अपनी कुर्सी से खड़े हो गए। इस दौरान राज्य के पूर्व सीएम और YSRCP प्रमुख जगन मोहन रेड्डी सदन में मौजूद नहीं थे।

आंध्र प्रदेश की विधानसभा में, जो लोग खड़े हुए उनमें टीडीपी और उसके सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी जनसेना पार्टी (जेएसपी) के विधायक शामिल थे। बीजेपी के सी अय्याना पत्रुदु भी खड़े हो गए, जिन्होंने पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान अहम आपराधिक मामलों को सामना किया था।

53 दिन तक जेल में रहे थे चंद्रबाबू नायडू

सीएम नायडू ने जगन पर पुलिस और अन्य राज्य एजेंसियों का इस्तेमाल “प्रतिशोध की राजनीति” के लिए करने का आरोप लगाया है, वे खुद वाईएसआरसीपी सरकार के तहत कई मामलों का सामना कर चुके हैं। कौशल विकास निगम में कथित घोटाले के एक ऐसे ही मामले में टीडीपी प्रमुख को पिछले साल 9 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और जमानत मिलने से पहले वे 53 दिनों तक जेल में रहे थे।

सदन में खड़े हो गए ये विधायक

वाईएसआरसीपी सरकार के तहत मामलों का सामना करने वाले और नायडू के आग्रह पर खड़े होने वाले अन्य लोगों में जेएसपी प्रमुख केपवन कल्याण; नारायण ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के संस्थापक पी नारायण; पूर्व टीडीपी राज्य प्रमुख के अच्चन्नायडू; नायडू के बेटे नारा लोकेश; पूर्व टीडीपी राज्य मंत्री के कलावेंकट राव, एन चिनाराजप्पा; पूर्व वाईएसआरसीपी सांसद और अब टीडीपी विधायक के रघु रामकृष्ण राजू; खान और भूविज्ञान मंत्री कोल्लू रवींद्र; पूर्व टीडीपी महासचिव बोंडा उमामहेश्वर राव; पूर्व टीडीपी सचेतक डी नरेंद्र कुमार; और वित्त मंत्री पय्यावुला केशव शामिल थे।

किन मामलों में ज्यादा दर्ज हुए केस?

रिकॉर्ड्स पर नजर डाले तो इस बार फिर से चुने गए विधायकों में चिंतामनेनी प्रभाकर के खिलाफ़ सबसे ज़्यादा मामले दर्ज हैं। पांच नेताओं के खिलाफ़ कम से कम 20 मामले दर्ज हैं; चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे पर 17-17 मामले दर्ज हैं। 2014 से 2019 के बीच जिन पूर्व मंत्रियों और टीडीपी विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे, उनमें से अधिकांश का नाम अमरावती राजधानी क्षेत्र में भूमि को लेकर कथित अंदरूनी व्यापार या कुछ जमींदारों को लाभ पहुंचाने के लिए अमरावती राजधानी की सीमाओं के पुनर्निर्माण के लिए दर्ज किया गया था।

नवंबर 2022 में पवन कल्याण पर लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज किया गया था, जब वह अपनी तेज रफ्तार एसयूवी के ऊपर चढ़ गए थे, क्योंकि उन्हें इप्पतम गांव में एक विरोध स्थल पर पहुंचने से रोकने का प्रयास किया गया था। 2022 में पी नारायण को जेल में जाना पड़ा, जब सरकार ने आरोप लगाया कि उनके एक संस्थान के शिक्षक ने प्रश्नपत्र लीक किया था। उन्हें कुछ ही घंटों में जमानत मिल गई।

2020 में के अच्चन्नायडू को कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) अस्पतालों और औषधालयों में दवाओं और अन्य सामग्री की खरीद में कथित घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। इसके जरिए सीएम नायडू ने आरोप लगाया कि कैसे जगन की सरकार के दौरान उन्हें और उनकी पार्टी को निशाना बनाया गया था।