राजस्थान के चर्चित आनंदपाल हत्याकांड मामले में ACJM सीबीआई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए पुलिस ही मुकदमा दर्ज करने को कहा है। इसके ऊपर सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया गया है। कई सालों से यह मामला कोर्ट में चल रहा था, इसे लेकर विवाद भी था। अब बड़ी बात यह है कि एक गैंगस्टर के एनकाउंटर को लेकर ही पुलिस बुरा फंस चुकी है।

कौन था आनंदपाल?

पुलिस के पांच अधिकारियों के खिलाफ अब केस चलने वाला है। इससे पहले आनंदपाल के परिवार का भी आरोप था कि उसे फर्जी एनकाउंटर में मारा गया था। दावा हुआ था कि उसकी तो हत्या की गई थी। अब जानकारी के लिए बता दें कि साल 2017 में पुलिस ने आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर कर उसे ढेर कर दिया। उस समय तो इसे पुलिस की एक बड़ी कामयाबी बताया गया था। 200 से ज्यादा लोगों के साथ मिलकर वो अपनी गैंग ऑपरेट करता था।

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कैसे हुआ था एनकाउंटर?

उस एनकाउंटर के बाद सभी पुलिसकर्मियों ने काफी विस्तार से बताया था कि आखिर कैसे उसे मारा गया था। एनकाउंटर के वक्त मौजूद पुलिस अधिकारियों के अनुसार, रात करीब नौ बजे पुलिस के 30—35 कमांडों और जवानों के साथ चुरू और नागौर के पुलिस अधिकारियों के साथ रतनगढ़ के मालासर पहुंचे और वहां श्रवण सिंह के मकान को घेर लिया। पहुंचते ही सबसे मकान के पास खड़ी उसकी गाड़ी को पंचर कर दिया तथा उस वक्त घर में आनंदपाल के साथ—साथ तीन महिलाएं और तीन पुरुष तथा कुछ बच्चे मौजूद थे। ये सभी ग्राउंड फ्लोर पर बने कमरों में रह रहे थे। इन सभी को एक कमरे में बंद कर दिया।

इसके बाद आनंदपाल सिंह ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस के अनुसार आनंदपाल ने 100 राउंड फायर एके 47 से किए। पुलिस की ओर से 50 राउंड फायर की बात कही जा रही है, लेकिन कुछ लोग इससे कहीं ज्यादा राउंड फायर होने के दावे करते रहे। इसी मुठभेड़ में आनंदपाल सिंह मारा गया।