महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ट्विटर पर सक्रिय रहने के लिए जाने जाते हैं। उनके कई ट्वीट यूजर्स पसंद करते हैं। हाल ही में आनंद महिंद्रा ने एक वीडियो ट्वीट किया है जिसे ट्विटर पर काफी पसंद किया जा रहा है। वीडियो को ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, ”इस वीडियो को देखने के बाद मैं शिकायत नहीं करूंगा कि साल 2020 कितना मुश्किल रहा है। मल्लेश्वर राव मैं आपको सलाम करता हूं। मैं आपका सहयोग करूंगा। जिंदगी तब मुश्किल नहीं होती जब आप दूसरों की मुश्किलें कम कर रहे होते हैं…।”
दरअसल जिस वीडियो को आनंद महिंद्रा ने शेयर किया है। उसमें बताया गया है कि हैदराबाद के मल्लेश्वर राव किस तरह से पार्टी के बचे खाने को बच्चों में बांट देते हैं। पेशे से इंजीनियर मल्लेश्वर राव हर रोज लगभग 500 से 2 हजार लोगों को भोजन कराते हैं।
बता दें कि मल्लेश्वर राव ने साल 2011 में ‘डू नोट वेस्ट फूड’ मुहिम की शुरुआत की थी। अब उनकी टीम किसी भी बड़े समारोह से बचा हुआ भोजन जमा करती है। फिर उसके बाद देखते हैं कि बचा हुआ भोजन खाने लायक है भी या नहीं। सही होने पर खाने को पैक कर लोगों में बांट देते हैं।
दरअसल बहुत ही छोटी उम्र में राव को एहसास हो गया था कि उनको गुजारा करने के लिए कमाना होगा। जिसके चलते उन्होंने बाल मजदूर के रूप में काम किया। पर उनकी जिंदगी तब बदली जब सामाजिक कार्यकर्ता हेमलता लावानम से उनकी मुलाकात हुई। जिसके बाद राव ने आगे पढ़ाई लिखाई की। जरूरतमंद बच्चों के स्कूल में उन्होंने दाखिला लिया और पढ़ाई पूरी की।
I will not complain about 2020 being a difficult year after having seen this. Malleshwar Rao, I salute you & will support you. Life isn’t difficult when you remove the difficulties of others… pic.twitter.com/9YmsYhlo87
— anand mahindra (@anandmahindra) December 29, 2020
बाद में उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। जब वे बड़े शहर में आए तो उनको मालूम नहीं था कि यहां रहने कितना खर्चीला होगाा। राव ने बताया कि उनके एक दोस्त ने बताया था कि कैटरिंग के काम से पैसा कमाया जा सकता है। इसके बाद उन्होंने पार्ट टाइम नौकरी करनी शुरू कर दी थी। वे आउटडोर कैटरिंग के काम में लग गए।
वहां राव को समझ आया कि बड़े समारोह में कितना भोजन बर्बाद होता है। बाद में उन्होंने समारोह से बचा हुआ खाना लेकर लोगों में बांटना शुरू कर दिया। राव ने बताया कि स्कूल के दौरान मिली शिक्षा से उन्होंने सीखा कि कैसे समाज के लिए योगदान दिया जा सकता है। राव से अब वो लोग भी संपर्क करते हैं जो कि भोजन दान करना चाहते हैं।