दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में एक बेकाबू थार ने दो लोगों को कुचल दिया है, यहां भी एक शख्स की तो मौके पर ही मौत हो गई है। बताया जा रहा है थार की रफ्तार काफी ज्यादा थी और वो सीधे डिवाइडर से जा टकराई। पुलिस ने थार चालक को हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच शुरू हो चुकी है। हैरानी की बात यह है कि जिस शख्स की मौत हुई है, उसका शव एक घंटे तक सड़क पर पड़ा रहा, लेकिन किसी ने मदद करने की जहमत नहीं की।
चाणक्यपुरी में हुआ बड़ा हादसा
दूसरा शख्स इस समय गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है, अस्पताल में उसका इलाज जारी है। पुलिस को पता चला है कि जिस थार गाड़ी से यह हादसा हुआ है, उसमें शराब की बोलतें रखी थीं, ऐसे में इस बात की भी जांच की जा रही है कि अगर ड्राइवर नशे में था। वैसे जिस इलाके में यह हादसा हुआ है, उसे हाई प्रोफाइल माना जाता है, राष्ट्रपति भवन से इसकी दूरी मात्र दो किलोमीटर है।
क्यों नहीं थमती रैश ड्राइविंग?
अब यह कोई पहली बार नहीं है जब तेज रफ्तार गाड़ियों का आतंक देखने को मिला हो। सिर्फ राज्य बदलते हैं, जगह दूसरी हो सकती हैं, लेकिन ऐसे हादसे होते रहते हैं। कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनकी कोई गलती नहीं होती वो दूसरों की गलती की सजा भुगतते हैं। यहां भी कई मौकों पर तो गाड़ी कोई नाबालिग चला रहा होता है, उसे लेकर भी अलग कानून है।
नाबालिग ना चलाएं वाहन
इंडियन ट्रैफिक रूल के मुताबिक बात जब हैवी व्हीकल्स की आती है, जिसमें गाड़ी भी शामिल है, तब तो राज्यों में 18 से 20 साल की उम्र रखी गई है। अगर ये नियम टूटता है तो आरोपी नाबालिग के माता-पिता या अभिभावक को तीन साल की सजा हो सकती है, 25 हजार जुर्माना भी भरना पड़ता है।