इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अधिकारियों को मौलाना आजाद सेंट्रल लाइब्रेरी में छात्राओं को प्रवेश की अनुमति देने का निर्देश दिया।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खंडपीठ ने एक विधि इंटर्न तथा मानवाधिकार कार्यकर्ता दीक्षा द्विवेदी की जनहित याचिका को निबटाते हुए यह आदेश पारित किया।

अदालत ने कहा कि पुस्तकालय में छात्राओं को प्रवेश से रोकने का विश्वविद्यालय अधिकारियों का फैसला ‘‘एकतरफा’’ और ‘‘संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन’’ करने वाला है।

पुस्तकालय में छात्राओं के प्रवेश का विरोध करने वाले विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने अदालत के सामने हलफनामे में आज कहा कि वे सुनिश्चित करेंगे कि परिसर में लैंगिक भेदभाव नहीं हो और छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

यह विश्वविद्यालय उस समय विवादों में घिर गया था जब परिसर के मुख्य पुस्तकालय में स्नातक की छात्राओं को जाने की अनुमति नहीं दी गई। विश्वविद्यालय के कुलपति जमीरूददीन शाह ने कहा था कि स्नातक की छात्राओं को अनुमति देने से पुस्तकालय में ‘‘चार गुना अधिक लड़के’’आएंगे।