बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन के मौके पर यूपी के अमरोह में केक खाने को लेकर लूट मच गई। कार्यकर्ताओं ने मयावाती के जन्मदिन पर शुभकामना जाहिर करने के लिए केक काटने के कार्यक्रम का आयोजन किया था। कार्यक्रम में भारी संख्या में मायावती के समर्थक मौजूद थे। लेकिन, जैसे ही केक काटने की रस्म शुरू हुई, तभी समर्थक टूट पड़े और जिसके हाथ में जितना केक आया उसने लूट लिया। हालांकि, इस दौरान वहां मौजूद कुछ लोग केक लूटने से लोगों को रोक रहे हैं। लेकिन, सारी कोशिश नाकाम हो गई।

मंगलवार (15 जनवरी) को मायावती के जन्मदिन के मौके पर भारी संख्या में लोगों ने शुभकामनाएं दी। इस दौरान उन्हें शुभकामना देने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी पहुंचे। मायावती ने सपा और बसपा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे पुराने मतभेद भुला दें और अगले लोकसभा चुनाव में सपा तथा बसपा के प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करें। यही उनके लिए जन्मदिन का सबसे बड़ा तोहफा होगा।

मायावती ने अपने 63वें जन्मदिन पर भाजपा और कांग्रेस पर ताबड़तोड़ हमला बोलते हुए हर मुद्दा उठाया। उन्होंने कांग्रेस पर कर्जमाफी के खिलाफ निशाना साधते हुये कहा कि गरीब किसानों के लिए कर्जमाफी की योजना बेकार है। उन्होंने मुसलमानों के लिये भी आर्थिक आरक्षण की मांग की। इसके अलावा कुछ स्थानों पर उन्होंने जुमे की नमाज पढ़ने का मुद्दा भी उठाया। संवाददाता सम्मेलन के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मायावती के आवास पर पहुंचे और उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंट कर जन्मदिन की बधाई दी । इससे पहले संवाददाता सम्मेलन में बसपा नेता ने सपा नेता अखिलेश यादव के खिलाफ सीबीआई का इस्तेमाल किये जाने की भी निंदा की।

मायावती ने कहा, “12 जनवरी को हमारी पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इससे भाजपा की नींद उड़ी हुई है। देश का सबसे बड़ा राज्य होने के लिहाज से उत्तर प्रदेश काफी मायने रखता है। उत्तर प्रदेश ही तय करता है कि केंद्र में किसकी सरकार बनेगी और अगला प्रधानमंत्री कौन होगा।” मायावती ने इस मौके पर कांग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों से भाजपा ही नहीं, कांग्रेस को भी सबक लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “लोकलुभावन और झूठे वादे करके किसी भी पार्टी की दाल ज्यादा दिन तक गलने वाली नहीं है। तीन राज्यों में बनी कांग्रेस की सरकार की कर्जमाफी की योजना पर भी अब उंगलियां उठ रही हैं। कांग्रेस सरकार ने किसानों को धोखा दिया है। उन्होंने सरकार बनने के बाद सिर्फ दो लाख रुपये वाला कर्ज ही माफ किया है।”