जेल में बंद कट्टरपंथी खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और कश्मीरी नेता शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद लोकसभा चुनाव जीते हैं और आज दोनों ही लोकसभा सांसद पद की शपथ लेने जाएंगे और दोनों ही पुलिस हिरासत में आज संसद में जाएंगे। दोनों को ही अदालत में पैरोल मिली है। इंजीनियर राशिद जम्मू कश्मीर के टेरर फंडिंग केस में गैरकानूनी गतिविधि के तहत दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं, जबकि अमृतपाल पंजाब में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में NSA के तहत असम की डिब्रूगढ़ जिले की जेल में बंद है।

बता दें कि अमृतपाल सिंह और इंजीनियर रशीद ने हाल ही में जेल में रहते हुए चुनाव लड़ा था। अमृतपाल सिंह ने पंजाब के खडूर साहिब और जम्मू-कश्मीर के बारामूला से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर इंजीनियर राशिद खड़े हुए थे और उन्होंने शपथ लेने के लिए रशीद को तिहाड़ से संसद तक के सफर में लगने वाले समय को छोड़कर दो घंटे की कस्टडी पैरोल दी गई है, और अमृतपाल सिंह को 5 जुलाई से 4 दिन की कस्टडी पैरोल दी गई है।

इन शर्तों के साथ मिली है इजाजत

गौरतलब है कि पंजाब पुलिस की टीम अमृतपाल को डिब्रूगढ़ जेले से अपनी हिरासत में दिल्ली लेकर आएगी। अदालत ने जिन शर्तों पर दोनों को पैरोल दी है, उसके मुताबिक वे न तो किसी मुद्दे पर मीडिया से बात कर सकते हैं, न ही कोई बयान दे सकते हैंष उनके परिवार के सदस्य भी मीडिया में किसी भी प्रकार का बयान नहीं दे सकते है।

बता दें कि खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह को दिल्ली में अपने परिवार से मिलने की अनुमति कोर्ट द्वारा दी गई हैइंजीनियर रशीद का परिवार केवल उनके शपथ ग्रहण में शामिल हो सकता है। इंजीनियर रशिद की बात करें तो टेरर फंडिंग केस में 2017 में गिरफ्तार किया गया था और वह 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं।

उन्हें दिल्ली की एक अदालत ने पैरोल दी थी। अमृतपाल सिंह की पैरोल अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट ने दी थी। वहीं अब जेल मे बंद इंजीनियर राशिद को कोर्ट ने संसद जाकर शपथ लेने के लिए जमानत दी है।

बात अमृतपाल सिंह ने की करें तो खडूर साहिब सीट पर कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को दो लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। वह खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले को अपना आदर्श मानता है और उसी की तरह का वेशभूषा धारण करता है,राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत उसके नौ सहयोगी भी जेल में हैं।