अमिताभ बच्चन की पोती आराध्या बच्चन YouTube पर चल रहे फेक वीडियो से इस कदर परेशान हो गई कि उसने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका देकर मांग की कि अदालत सरकार और सोशल मीडिया चैनल को आदेश दे कि उसे लेकर जो वीडियो चल रहे हैं वो तत्काल हटाए जाएं। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सी हरिशंकर ने अपने आदेश में यूट्यूब चैनलों को कहा कि वो आराध्या की सेहत से जुड़ा कोई वीडियो शेयर नहीं करेंगे। आराध्या की तरफ से एडवोकेट दया कृष्णन ने पैरवी की। यूट्यूब की तरफ से ममता रानी पेश हुईं।
जस्टिस सी हरिशंकर ने यूट्यूब की वकील से पूछा कि आखिर वो कोई ऐसी पॉलिसी क्यों नहीं बनाते जिससे इस तरह की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया चैनल पर न चल सकें। अदालत के तेवर खासे तल्ख दिखे। जस्टिस ने ममता रानी से पूछा कि आप लोग इस तरह की अफवाहों को फैलाने के लिए एक मंच मुहैया कराते हैं।
जस्टिस का कहना था कि ये वैसे ही है जैसे अखबार ये कहे कि हम तो केवल पेपर और स्याही उपलब्ध करा रहे हैं। आप लोगों का जो मन करे वो लिख लो। अदालत का कहना था कि इस तरह के वीडियो को अपने प्लेटफार्म पर जगह देकर आप खूब पैसा बना रहे हैं तो आपकी ये भी जिम्मेदारी है कि यूजर्स पर लगाम लगाने के लिए कुछ ठोस कदम उठाएं।
एश्वर्या और अभिषेक बच्चन की बेटी आराध्या की तरफ से कोर्ट में दी गई याचिका में कहा गया है कि उसकी और उसके परिवार के लोगों की तस्वीरें Morphed करके यूट्यूब पर डाली गई हैं। सोशल मीडिया चैनल पर उनके बारे में बेसिर पैर की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। याचिका में कहा गया है कि कुछ ऐसे वीडियो सोशल मीडिया साइट पर हैं जिनमें कहा गया है कि आराध्या की सेहत ठीक नहीं है। एक में तो यहां तक कहा गया है कि उसकी मौत हो गई है।
एक वीडियो में दावा किया गया है कि बच्चन परिवार ने आराध्या के ईलाज के लिए कोई कदम नहीं उठाया, जिसकी वजह से वो चल बसी। याचिका में कहा गया है कि इस तरह की बेसिरपैर की खबरों से सारा परिवार परेशान है। लिहाजा हाईकोर्ट सरकार और यूट्यूब को आदेश दे कि वो इस तरह के वीडियो और तस्वीरें तत्काल प्रभाव से सोशल मीडिया चैनल से हटवाए।