एयर इंडिया के विनिवेश प्लान अब गृह मंत्री अमित शाह के जिम्मे आ गया है। सूत्रों के मुताबिक सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इससे हटा दिया गया है। गडकरी एयर इंडिया केंद्रित वैकल्पिक व्यवस्था (एआईएसएएम) की अगुवाई करने की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। एअर इंडिया की बिक्री पर इस मंत्री समूह का पहली बार गठन जून, 2017 में किया गया था तब इसमें पांच मंत्री थे। लेकिन अब आईएसएएम में चार ही मंत्री हैं।

एआईएसएएम मुख्य रूप से मंत्रियों का समूह होता है। इसका पुनर्गठन किया जाना था क्योंकि नई मोदी सरकार में अरुण जेटली और सुरेश प्रभु मंत्री नहीं हैं। उनका स्थान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ली है। परिवहन मंत्री के इस समूह में बने रहने की संभावना थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मालूम हो कि शाह से पहले समूह की अगुवाई तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली कर रहे थे। संसद सत्र के समापन के बाद एआईएसएएम जल्द ही बैठक करेगा। 2019-20 के लिए बजट में सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में 85,000 करोड़ रुपये से ऊपर 1.05 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड विनिवेश लक्ष्य निर्धारित किया है।

केंद्र सरकार आर्थिक संकट का सामना कर रही सरकारी क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश प्लान पर खास जोर दे रही है। सरकार की योजना है कि इसके जरिए इसमें मौजूद कमियों को दूर किया जाए। सूत्रों के मुताबिक एक अपने पहले कार्यकाल में मोदी सरकार ने 2018 में एअर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री तथा एयरलाइन के प्रबंधन नियंत्रण के लिए निवेशकों से बोलियां आमंत्रित की थीं।

हालांकि, यह प्रक्रिया विफल रही थी और निवेशकों ने एअर इंडिया के अधिग्रहण के लिए बोलियां नहीं दी थीं। ईवाई ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जो वजहें बताई थीं उनमें सरकार द्वारा 24 प्रतिशत हिस्सेदारी अपने पास रखना बताया था। सूत्रों ने कहा कि इस बार सरकार एअर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री की पेशकश कर सकती है। सरकार का इरादा बिक्री की प्रक्रिया दिसंबर, 2019 तक पूरा करने का है।