कश्मीरी अलगाववादियों को स्पष्ट संदेश देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार (25 सितंबर) को कहा कि केंद्र सरकार ऐसे लोगों से कोई बात नहीं करेगी जिनकी भारतीय संविधान में कोई आस्था नहीं और केवल उनसे संवाद करेगी जो स्वयं को भारतीय समझते हैं। घाटी में पिछले कुछ महीने में स्थिति के चिंताजनक होने की बात को स्वीकार करते हुए शाह ने कहा कि अगर कोई यह सोचता है कि कश्मीर को भारत से अलग किया जा सकता है, तो वह उसका दिवास्वप्न है और यह कभी साकार नहीं होने वाला है। पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उद्घाटन भाषण में अमित शाह ने पार्टी के ‘गरीब कल्याण’ एजेंडा का जिक्र करते हुए कहा कि जब से नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है तब से केंद्र सरकार गरीबों के विकास के लिए समर्पित रही है। उन्होंने कहा कि अगले एक वर्ष तक ‘गरीब कल्याण वर्ष’ मनाया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में शाह ने अपने भाषण में काफी समय दीन दयाल उपाध्याय एवं अंत्योदय समेत उनके दर्शन पर चर्चा की जिनकी आज (रविवार, 25 सितंबर) जन्मशती है। कश्मीर में अशांति और उरी हमलों का जिक्र करते हुए उन्होंने जोर दिया कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और दुनिया की कोई ताकत इसे हमसे अलग नहीं कर सकती है। अमित शाह ने कहा कि भाजपा नीत सरकार शांति की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर चर्चा करने को इच्छुक है और वह ऐसे सभी लोगों से बात करेगी जो स्वयं को भारतीय मानते हैं, जो लोग संविधान में आस्था नहीं रखते हैं, उनके साथ कोई बात नहीं होगी। इसे अलगाववादियों को स्पष्ट संदेश के तौर पर देखा जा रहा है जो इस बात पर जोर देते रहे हैं कि वे संविधान के दायरे में बात नहीं कर सकते। उरी हमले का जिक्र करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं कर सकती और पार्टी का रुख इसके बारे में ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ करने का है।

मोदी की प्रशंसा करते हुए शाह ने उनकी तुलना महान स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक से की और कहा कि उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के समय ‘गुजरात मॉडल’ के आधार पर लोगों में उम्मीदें जगाई और बाद में अपने काम के जरिए राष्ट्र के असंतोष को आवाज दी जैसे औपनिवेशिक काल में स्वराज के उद्घोष के जरिए तिलक ने दिया था। उन्होंने कहा कि 13 राज्यों और केंद्र में भाजपा की सरकार दीन दयाल उपाध्याय के विचार के आधार पर गरीबों के सशक्तिकरण एवं उत्थान के लिए काम कर रही है।