केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार सख्त संदेश दिया है। गुरुवार को गोवा के एक कार्यक्रम में उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम मोदी और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अगुवाई में सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कदम लिया गया था। पाकिस्तान को संदेश देते हुए अमित शाह ने कहा कि भारत की सीमाओं को बधित करना उनके लिए ठीक नहीं, एक समय बातचीत हुआ करती थी लेकिन अब समय बदल गया है। उन्होंने कहा कि हमने दुश्मनों पर सर्जिकल स्ट्राइक की, फिर ऐसी हरकत हुई तो दिया जाएगा जवाब। अमित शाह ने कहा, जैसा सवाल आएगा वैसा ही जवाब दिया जाएगा।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि पुंछ में जब हमला हुआ तो पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक कर भारत ने दुनिया को बता दिया कि भारत की सीमाओं के साथ छेड़छाड़ करना इतना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में पहली बार भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा और सम्मान साबित किया। गोवा के पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वन रैंक वन पेंशन योजना के चलते उन्हें याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्रिकर ने गोवा राज्य को उसकी पहचान दिलाई।
गोवा में शाह ने कहा कि गोवा के पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर ने राज्य को उसकी पहचान दी। तीनों सेनाओं को वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) प्रदान करने के लिए भी पूर्व रक्षा मंत्री को याद किया जाएगा।
गोवा में BJP को मिलेगा स्पष्ट बहुमत: अमित शाह ने विश्वास जताया कि गोवा में सत्तारूढ़ भाजपा अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल कर एक बार फिर राज्य में सरकार बनाएगी।उन्होंने कहा कि गोवा और केंद्र में भाजपा की ”डबल इंजन” सरकार से राज्य के विकास में मदद मिलेगी। दक्षिण गोवा के धारबंदोरा गांव में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) की आधारशिला रखने के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि 15 नवंबर से चार्टर्ड उड़ानें गोवा में पहुंचनी शुरू हो जाएंगी।
उन्होंने कहा, ”भाजपा राज्य में पूर्ण बहुमत के साथ अगली सरकार बनाएगी..अभी चुनाव में समय है। लेकिन मैं गोवा के लोगों से अपील कर रहा हूं कि वे केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के तहत राज्य में भाजपा की सरकार चुनने का मन बनाएं।’ उन्होंने कहा, ”यह डबल इंजन सरकार राज्य के विकास को जारी रखने में मदद करेगी।” अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव बहुदलीय होने जा रहे हैं, क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा, विपक्षी कांग्रेस, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (आप) सहित कई क्षेत्रीय पार्टियां मैदान में उतरने की तैयारी कर रही हैं।