जम्मू कश्मीर में सरकार गठन को लेकर गतिरोध कायम रहने के बीच भाजपा प्रमुख अमित शाह ने कहा कि उनकी पार्टी ‘‘सभी संभावनाओं’’ पर गौर कर रही है और उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस संबंध में फैसला ‘‘किसी भी समय’’ आ सकता है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा के लिए जम्मू कश्मीर में सभी विकल्प खुले हैं। हम सरकार बनाने के लिए सभी संभावनाओं पर गौर कर रहे हैं। मैं उम्मीद कर रहा हूं कि इस संबंध में कोई फैसला किसी भी समय आ सकता है।’’
वह जम्मू कश्मीर में सरकार गठन की स्थिति के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे जहां विधानसभा चुनावों में खंडित जनादेश के कारण पिछले 12 दिनों से गतिरोध कायम है। भाजपा 87 सदस्यीय विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। पीडीपी को सबसे ज्यादा 28 सीटें मिली हैं। भाजपा ने राज्यपाल एन एन वोहरा से और समय की मांग की है तथा वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (15 सीटें) दोनों के साथ बातचीत कर रही है।
जब एक संवाददाता ने नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला के हालिया ट्वीट का जिक्र किया कि भाजपा के साथ कोई सौदा नहीं हुआ है, शाह ने कहा, ‘‘ क्या आप विश्वास करते हैं कि उमर अब्दुल्ला आपको सभी सच्चाई बता देंगे?….. यहां तक कि मैं इस बारे में नहीं कह सकता।’’
इससे पहले शाह ने मुंबई में कहा था, ‘‘दोनों पार्टियों (पीडीपी और नेकां) के साथ बातचीत चल रही है। (अब तक) कोई सार्थक नतीजा नहीं निकला है।’’ राज्यपाल ने राज्य में सरकार गठन के लिए 19 जनवरी की समयसीमा तय की है।
धर्मांतरण से जुड़े विवाद पर, भाजपा अध्यक्ष शाह ने कहा, ‘‘ यह सरकार का कार्यक्रम नहीं है। हम (भाजपा:)जबरन धर्मांतरण के खिलाफ हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों को जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कानून लाने में भाजपा का समर्थन करना चाहिए।’’
विहिप की तर्ज पर भारतीय हिन्दू समाज बनाने की कांग्रेस की योजना संबंधी रिपोर्टों पर शाह ने कहा कि हर किसी को ऐसे संगठन बनाने का अधिकार है। ‘‘ सभी लोग, मुस्लिम और ईसाई ऐसे समूह बनाने के लिए स्वतंत्र है। हर किसी को ऐसा करने का अधिकार है।’’
विपक्ष के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा उन्हें रिहा किए जाने के बाद सीबीआई की छवि प्रभावित हुयी है, शाह ने कहा कि फैसला अदालत द्वारा दिया गया है जो सरकार के दायरे में नहीं होती।
उन्होंने कहा, ‘‘ क्लीन चिट अदालत द्वारा दी गयी है और अदालतें सरकार के दायरे में नहीं आतीं। वे उच्चतम न्यायालय की निगरानी में काम करती हैं। मैं इस मुद्दे पर कुछ और टिप्पणी करना नहीं चाहूंगा, मेरी पार्टी और मेरे वकील इस पर बोलेंगे।’’
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में भाजपा प्रमुख ने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर गंभीरता से विचार करने के बाद ही सरकार इसे लायी है।