मणिपुर हिंसा पर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को कई घंटे तक चर्चा हुई। गृह मंत्री अमित शाह ने सबसे लंबा भाषण देते हुए कई मुद्दों पर अपने विचार रखे। उनकी तरफ से मणिपुर हिंसा पर भी सरकार का स्टैंड साफ किया गया। उन्होंने उन आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया जहां गया कि पीएम मोदी द्वारा मणिपुर पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।

शाह ने बताया, पीएम मोदी ने क्या कहा था

एक किस्से के बारे में बताते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं पूरे देश को बताना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे सुबह चार बजे और फिर साढ़े छह बजे फोन किया था। मणिपुर में हुई हिंसा के तुरंत बाद उनका फोन आया था। विपक्ष कहता है कि मोदी जीको कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं बताना चाहता हूं कि तीन दिन तक लगातार हमने लगातार काम किया। 16 बार तो वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की गई, 36 हजार सीएपीएफ जवान भेजे गए, एयर फोर्स के विमानों का इस्तेमाल हुआ। ये सबकुछ तो अकेले चार मई को ही हो गया था।

मणिपुर पर अमित शाह की दो टूक

अब मणिपुर को लेकर पीएम की सक्रियता पर तो शाह ने बोला ही, उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया कि इस मुद्दे पर किसी को भी राजनीति नहीं करनी चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि मणिपुर में जो हिंसक घटनाएं हुई हैं, उस बारे में बताना चाहता हूं। मैं विपक्ष की इस बात से सहमत हूं कि हिंसा का तांडव मणिपुर में हुआ है। इस हिंसा का कोई भी समर्थन नहीं कर सकता। ये जो घटना हुई वो शर्मनाक है, लेकिन इस पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है। आप हमे चुप नहीं कर सकते, 130 करोड़ भारतीयों ने हमे चुनकर भेजा है।

बीरेन सिंह का इस्तीफा क्यों नहीं?

सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफा की मांग पर शाह ने साफ कर दिया कि इस्तीफा उसका मांगा जाता है जो कॉपरेट नहीं करता। बीरेन सिंह द्वारा शुरुआत से सहयोग दिया गया है, क्यों उनका इस्तीफा मांगा जाए। मणिपुर के वायरल वीडियो भी अमित शाह ने सफाई पेश की। उनकी तरफ से उस घटना पर दुख जाहिर किया, उन्होंने जोर देकर कहा कि ना पक्ष ना विपक्ष, कोई ऐसी घटना का समर्थन नहीं कर सकता। उनकी तरफ से ये सवाल जरूर उठाया गया कि आखिर क्यों उस वीडियो को वायरल किया गया, आखिर क्यों समय रहते वो वीडियो डीजीपी को नहीं दिया गया।