भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह आजकल पार्टी की चुनावी तैयारियों की वजह से बेहद व्यस्त चल रहे हैं। शाह दिल्ली में सोमवार को पार्टी के ‘संकल्प पत्र’ के जारी होने के कार्यक्रम में मौजूद थे। इसके बाद, उन्होंने कुछ अन्य चुनाव संबंधित कार्यक्रमों में शिरकत की। द इंडियन एक्सप्रेस में छपे कॉलम डेल्ही कॉन्फिडेंशियल के मुताबिक, इन कामों को निपटाने के बाद शाह रात साढ़े 10 बजे के करीब लखनऊ पहुंचे। यहां से वह तुरंत बीजेपी मुख्यालय गए और वहां संगठन की बैठकों में शामिल हुए। इन बैठकों की योजना ‘रातोंरात’ बनी थी, जिसके तहत शाह को अवध क्षेत्र के 16 लोकसभा प्रत्याशियों, हर लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी और अन्य कई महत्वपूर्ण पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात करनी थी। मीटिंग का मकसद चुनावी तैयारियों का जायजा लेना था।
हालांकि, इन बैठकों की वजह से उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और बीजेपी राज्य ईकाई प्रमुख महेंद्र नाथ पांडे को भी रतजगा करना पड़ा। वे भी इन बैठकों में शामिल हुए, जो सुबह तक चलीं। सुबह मीटिंग खत्म होने के बाद शाह लखनऊ से रवाना हो गए। बता दें कि बीजेपी के नजरिए से यूपी की चुनावी तैयारियां बेहद अहम हैं। दरअसल, पिछले चुनाव में पार्टी और इसके सहयोगियों को यहां 80 में से 70 से ज्यादा सीटों पर कामयाबी मिली थी। बदलते राजनीतिक हालात और चुनावी सर्वे इस ओर साफ-साफ इशारा कर रहे हैं कि पिछली बार की कामयाबी को दोहराना बीजेपी के लिए बेहद मुश्किल होगा। अमित शाह भी इन चुनौतियों को बखूबी समझते हैं, शायद तभी वह चुनाव तैयारियों से जुड़ी हर कमजोर कड़ी को पहचानने और उसे खामी को दूर करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
इससे पहले, बीजेपी ने सोमवार दोपहर अपना घोषणा पत्र पेश किया। इसमें गरीब किसानों को पेंशन देने का बड़ा ऐलान किया गया है। साथ ही राम मंदिर निर्माण को लेकर किए गए पुराने वादे को एक बार फिर दोहराया गया है। पार्टी ने युवाओं, किसानों, युवा कारोबारियों के लिए कई ऐलान किए हैं। हालांकि, कांग्रेस ने बीजेपी के घोषणा पत्र को ‘झांसापत्र’ करार दिया है।