गुजरात में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुकीं आनंदीबेन पटेल के समर्थकों का कहना है कि आनंदीबेन ने उम्र नहीं बल्कि अमित शाह की वजह से इस्तीफा दिया है। समर्थकों का आरोप है कि आनंदीबेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद से अमित शाह गुजरात के मामलों में ज्यादा दखल देने लगे थे। यह सब आनंदीबेन को पसंद नहीं था। समर्थकों का कहना है कि आनंदीबेन और अमित शाह की पहले भी नहीं बना करती थी। आनंदीबेन पटेल को दो साल पहले गुजरात की कमान संभालने को दी गई थी। उस वक्त मोदी प्रधानमंत्री बनकर दिल्ली आ गए थे और वह अपनी जगह आनंदीबेन को गुजरात का सीएम बनाकर आए थे। लेकिन इन दो सालों में हालात इतने बिगड़ गए कि आनंदीबेन पटेल ने सोमवार (1 अगस्त) की शाम को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह इस्तीफा सोशल मीडिया पर लिखकर दिया। इस वजह से लोगों के कान खड़े हो गए।
समर्थकों का यह भी कहना है कि आनंदीबेन पर इस्तीफे का दबाव भी बनाया गया था। माना जा रहा है कि अब ऐसे किसी शख्स को सीएम बनाया जाएगा जो अमित शाह और नरेंद्र मोदी दोनों का करीबी हो। ऐसे में विजय रूपनी के नाम पर चर्चा चल रही है। वह बीजेपी से जुड़े हैं और एक बड़े जैन नेता हैं। विजय के अलावा नितिन पटेल के नाम पर भी चर्चा है। वह पटेल समुदाय के बड़े नेता हैं। पटेल समुदाय के आंदोलन के वक्त उन्हें उस कमेटी में शामिल किया गया था जो पटेल नेताओं से बात कर रहा था।
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वहीं कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि आनंदीबेन पटेल गुजरात को ठीक से संभाल नहीं पाईं। आनंदीबेन के मुख्यमंत्री रहने के वक्त ही पटेल आंदोलन और ऊना में दलितों का मुद्दा उठा। इससे राज्य समेत देशभर में बीजेपी की किरकिरी हुई। गुजरात में बीजेपी के स्थानीय नेताओं का यह भी कहना है कि आनंदीबेन की वजह से बीजेपी की छवि को नुकसान पहुंचा है।