Amit Shah Warns China: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर बौखलाए पड़ोसी देश चीन को दो टूक चेतावनी दी है। उन्होंने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के किबिथू (Kibithoo) में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ समेत कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत के दौरान कहा कि अब कोई भी भारतीय सीमा की ओर आंख उठाकर भी देख नहीं सकता। अमित शाह ने जोर देकर कहा कि भारत की सूई की नोक बराबर जमीन पर भी कोई अतिक्रमण नहीं कर सकता।
किबिथू को देश का आखिरी नहीं पहला गांव कहें- अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वो जमाने लद गए जब भारत की भूमि पर कोई अतिक्रमण करने की जुर्रत करने की सोच सकता था। उन्होंने कहा कि हमारे देश के सैनिक यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ न करे। अमित शाह ने भारत-चीन सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश के किबिथू गांव को देश का आखिरी गांव के बजाय पहला गांव कहने का आह्वान किया। अपने अरुणाचल दौरे से उन्होंने चीन को साफ संकेत दिया गया कि भारत किसी के भी दबाव में आने वाला नहीं है।
भगवान परशुराम ने किया अरुणाचल प्रदेश का नामकरण- अमित शाह
भगवान परशुराम द्वारा अरुणाचल प्रदेश का नामकरण किए जाने का जिक्र करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने चीन को संदेश दिया कि अरुणाचल प्रदेश ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से भारत का अभिन्न हिस्सा है। साथ ही भारत की धरती पर सूर्य की पहली किरण यहीं पड़ती है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत माता के मुकुट का चमकता मणि है चीन के एतराजों को किनारे करते हुए अमित शाह ने सीमा के नजदीक गांव में ही रात को रुकने का भी फैसला किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक अमित शाह इस सीमावर्ती गांव का दौरा करने वाले देश के पहले गृह मंत्री बने।
सीमाओं की सुरक्षा के साथ पूर्वोत्तर का विकास मोदी सरकार की नीति
अमित शाह ने विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अरुणाचल प्रदेश में कहा कि अब तक सीमावर्ती इलाकों के विकास की अनदेखी की गई। यह देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सीमाओं की सुरक्षा के इस हालात को सुधारने की कोशिश में जुटी है।
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उन्होंने बताया कि बार्डर इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो काम पहले की 12 सरकारें नहीं कर सकीं, उसे मोदी सरकार ने दो कार्यकाल में ही करके दिखा दिया।उन्होंने कहा कि साल 2014 से पहले देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र को अशांत क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन नौ वर्षों में पीएम मोदी की ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ के कारण पूर्वोत्तर को अब देश के विकास में योगदान देने वाले क्षेत्र के रूप में जाना जाता है।