महाराष्ट्र सरकार ने सभी को वैक्सीन फ्री में देने की बात कही है। सीएम उद्धव ठाकरे ने आज इसकी घोषणा की, लेकिन दूसरी तरफ सूबे के हेल्थ मिनिस्टर ने कहा कि उन्हें जरूरत के मुताबिक वैक्सीन नहीं मिल पा रही है। ऐसे में वैक्सीनेशन कैसे होगा, बड़ा सवाल है। कोरोना जिस तरह से अपना कहर बरपा रहा है उसमें सभी की टीकाकरण किया जाना बेहद जरूरी है पर ऐसा होता नहीं लगता।

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि करीब 6 महीने में अगर वैक्सीनेशन कार्यक्रम पूरा करना है तो 2 करोड़ टीकाकरण हर महीने होना जरूरी है। राज्य में टीकाकरण करने लिए सिर्फ सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में करीब 13 हजार संस्थाएं उपलब्ध हैं। हमे जितनी वैक्सीन चाहिए नहीं मिल रही है।

उनका कहना है कि अगर वैक्सीन आयात भी करनी है तो मंत्रिमंडल ने करने का निर्णय लिया है। स्पुतनिक से भी मुख्यमंत्री चर्चा कर रहे हैं। ये चर्चा अगर अंतिम रूप लेती है तो हम महाराष्ट्र में 3 वैक्सीन लेकर टीकाकरण करने जा रहे हैं। लेकिन इन सभी चीजों को लेकर फैसला सीएम को करना है। उसके बाद योजना बनाई जाएगी।

उधर, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि हम 1 दिन में 7 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने की स्थिति में है। इस गति से वैक्सीन लगाएंगे तो 1-1.5 महीने में 18-45 साल के लोगों को वैक्सीनेट कर पाएंगे। इस श्रेणी में सवा तीन करोड़ लोग हैं। दूसरी डोज और 10% वेस्टेज मिलाकर राज्य को 7 करोड़ डोज की जरूरत है।

उनका कहना था कि राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने सीरम इंस्टीट्यूट से बात की। सरकार ने 3 करोड़ 75 लाख डोज बुक की तो उन्होंने कहा कि हमें भारत सरकार से पहले से जो ऑर्डर मिले हैं 15 मई तक तो हम उनकी आपूर्ति ही नहीं कर पाएंगे तो आपको कहां से देंगे। मंत्री का सवाल था कि ऐसे कैसे वैक्सीनेशन होगा।

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की बात की है। सरकार ने इसके लिए नियमों में भी बदलाव किए हैं। लेकिन जितनी वैक्सीन की जरूरत है, कंपनियां उसे उपलब्ध कराने में आनाकानी कर रही हैं। कभी कच्चा माल न होने की बात की जाती है तो कभी दूसरे बहाने गिना दिए जाते हैं।