भारत में कोरोनावायरस केसों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हो रहा है। लगातार बढ़ती एक्टिव केसों की संख्या की वजह से देश की मेडिकल व्यवस्था भी चरमरा गई है। खासकर ऑक्सीजन और जीवनरक्षक दवाओं की कमी अब भी मरीजों की जान बचाने की कोशिश में जुटे डॉक्टरों के लिए समस्याएं खड़ी कर रही हैं। इसी मुद्दे को उठाते हुए एक डॉक्टर टीवी डिबेट के दौरान ही भड़क उठे। रेडिक्स अस्पताल के सीएमडी डॉक्टर रवि मलिक ने कहा कि आज सरकार ने ठीक ढंग से अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई नहीं किया, तो कल जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल जैसे और अस्पताल निकलकर आएंगे।
डॉक्टर मलिक ने शिकायत करते हुए कहा, “आज कोई ऐसा अफसर नहीं है, जिसे मैंने फोन नहीं किया हो। उसके बाद भी मुझे दर-दर भटकना पड़ रहा है। सबसे बड़ी चीज ये है कि अगर डॉक्टर, नर्स डर में रहेंगे तो इलाज क्या करेंगे। वो 18-18 घंटे इलाज करने के लिए तैयार हैं, सोते भी नहीं हैं। कोरोना के भी शिकार हैं। लेकिन उसके बाद ऑक्सीजन भी न मिले और इस तरह से उत्पीड़न हो।”
डॉक्टर ने कहा, “मैं अफसर का नाम नहीं लेना चाहता। सुबह से मैं 15 फोन कर चुका हूं। 15 मैसेज डाल चुका हूं और उसने अभी तक मुझे रिस्पॉन्ड नहीं किया है। इनकी हेल्पलाइन पर लगाओ तो कहते हैं कि हम कुछ नहीं कर सकते, आधे घंटे में करेंगे। अरे मरीज मर जाएंगे तब करेंगे क्या? ग्राउंड पर मौजूदा स्थिति काफी खराब है।”
डॉक्टर ने कहा कि आज का दिन हमारे हिंदुस्तान के लिए ऐतिहासिक काला दिन है। 25 मरीज एक लेवल-3 केयर अस्पताल के अंदर मरे हैं। यह किसी हालत में देश में दोहराना नहीं चाहिए। कुछ अफसर अच्छे भी हैं, जिनकी वजह से मरीजों की जान बची है।
डिबेट में डॉ. मलिक आगे बोले- “मैं यह कहना चाहता हूं कि ये 150 अस्पतालों का हुजूम है, किसी के पास दो घंटे की ऑक्सीजन बची है, किसी के पास 1 घंटे की, किसी के पास चार घंटे की। जरा सा इधर-उधर हो गया तो मरीजों की मौत हो जाएगी। हम बता दें कि कोरोना मरीज के लिए ऑक्सीजन ही मेन ट्रीटमेंट है और अगर उनकी हमने ऑक्सीजन बंद कर दी तो समझिए कि जिंदा व्यक्ति का गला घोंट दिया। ये आपराधिक मामला बनता है। अफसरों को कहिए कि हमें रिस्पॉन्ड करें न।”