कोरोना संकट के बीच  राजधानी दिल्ली में  टिड्डी दल ने दस्तक दी है। हरियाणा के रास्ते दिल्ली में 10 किलोमीटर लंबा टिड्डी दल प्रवेश करते देखा गया है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पहले तो इससे इनकार किया लेकिन हालात की गंभीरता को देखते हुए बचाव व नियंत्रण के लिए एडवाइजरी जारी की है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पड़ोसी राज्य हरियाण के गुरुग्राम में टिड्डी दल के हमले के मद्देनजर शनिवार को एक आपात बैठक बुलाई है।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्री ने प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। गोपाल राय ने  कहा कि ‘‘आपात बैठक के बाद स्थिति से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर एक परामर्श जारी किया जाएगा।’’ उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को गुरुग्राम के पास के इलाकों का दौरा करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि विकास सचिव, मंडल आयुक्त, निदेशक, कृषि विभाग और दक्षिण तथा पश्चिम दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट बैठक में शामिल हुए।

बैठक के बाद गोपाल राय ने कहा कि, हमें मिली जानकारी के अनुसार टिड्डियों का दल हरियाणा के पलवल की तरफ बढ़ रहा है। टिड्डियों का छोटा दल दिल्ली बॉर्डर के जसोला और भाटी में देखा गया  है। ढोल और ड्रम बजाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें भगाने का यही रास्ता है। बाकी मामले की गंभीरता को देखते हुए एडवाइजरी  जारी की गई है।

गौतमबुद्धनगर जिले में भी टिड्डियों की दस्तक: हरियाणा और दिल्ली में टिड्डियों की दस्तक के बाद अब उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर में भी टिड्डियों का दल देखा गया है। बताया जा रहा है कि गौतमबुद्धनगर की सदर तहसील के दनकौर, उसमानपुर, भट्टा, महमुदपुर, दोगली आदि गांवों में टिड्डी दल ने दस्तक दी है। जिले के डीएम ने जरूरी दिशानर्देश जारी किए हैं।

इससे पहले टिड्डी चेतावनी संगठन, कृषि मंत्रालय से जुड़े के़ एल. गुर्जर ने कहा, ‘‘टिड्डी दल पश्मिच से पूर्व की ओर आए हैं। इन्होंने ने पूर्वाह्न लगभग 11.30 बजे गुरुग्राम में प्रवेश किया।’’उन्होंने बताया कि टिड्डी दल बाद में हरियाणा के पलवल की ओर बढ़ गए।गुरुग्राम के अनेक निवासियों ने ऊंची इमारतों से टिड्डियों के पेड़-पौधों पर और मकानों की छतों पर छा जाने के वीडियो साझा किए। टिड्डी दल बेवर्ले पार्क, गार्डन एस्टेट और हैरिटेज सिटी के अलावा दिल्ली से लगती सीमा पर सिकंदरपुर की इमारतों के ऊपर भी देखे गए। गौरतलब है कि मई में देश में टिड्डी दलों ने पहले राजस्थान में हमला किया। इसके बाद इन्होंने पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में फसलों को नुकसान पहुंचाया।