कोरोना वायरस महामारी की मार झेल रही इंसानी जात प्रकृति से छेड़छाड़ करने में अभी भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। महाराष्ट्र के टाइगर रिजर्व में लॉकडाउन के बीच लगभग 500 पेड़ काटे जाने और उखाड़े का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) को शिकायत मिली है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान भंडारा और गोंडा जिले में स्थित नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिज़र्व (NNTR) के परिसर के अंदर सड़क बनाने और पेड़ काटने का अवैध निर्माण किया गया।
पीपुल फॉर एनिमल्स (पीएफए) के सचिव और भारत के एनिमल वेलफेयर बोर्ड (AWBI) के जिला पशु कल्याण अधिकारी ने इस बात की शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने एक्सक्लूसिव फोटो और वीडियो साझा करते हुए दावा किया है कि पेड़ों को काटने के साथ ही मुरुम रेत का भी खनन किया गया।
उन्होंने कहा कि हमें मिली जानकारी के अनुसार, जब लॉकडाउन के दौरान सभी सरकारी काम रोक दिए गए, तो टाइगर रिजर्व में कुल 400 से 500 पेड़ काट दिए गए। प्रतिबंधित क्षेत्रों में काम करने के लिए एक जेसीबी मशीन और दो ट्रैक्टरों को अंदर लाया गया। यह बाघ संरक्षण और वन संरक्षण से संबंधित कानूनों का उल्लंघन है। टाइगर रिजर्व के मुख्य क्षेत्र में ये गतिविधियाँ वन अधिनियम, 1927, वन संरक्षण अधिनियम, 1972 (2006 में संशोधित) के प्रावधानों का उल्लंघन करती हैं। उन्होंने कहा कि मार्च के बाद से ये अवैध गतिविधियां शुरू हुईं।