Pakistan: अमेरिका ने पाकिस्तान के पास मौजूद एफ-16 लड़ाकू विमान को अपग्रेड करने के लिए 450 मिलियन अमरीकी डॉलर की सहायता देने का फैसला किया है। हालांकि अमेरिका के इस फैसले पर भारत ने आपत्ति जताई है। भारत की चिंताओं पर अमेरिका ने कहा कि इनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होगा।

पाकिस्तान ने किया था एफ-16 फाइटर:

वाशिंगटन ने भारत की आपत्ति पर कहा है कि बहु-मिलियन समर्थन का भारत पर असर नहीं डालेगा। इसके अलावा इस फैसले से भारतीय उपमहाद्वीप में सैन्य संतुलन को भी कोई खतरा नहीं होगा। बता दें कि एफ-16 वही लड़ाकू विमान है जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने 27 फरवरी 2019 को भारत-पाकिस्तान सीमा(LoC) के पास किया था। वहीं अमेरिका का कहना है कि पाकिस्तान को यह समर्थन सिर्फ एफ-16 लड़ाकू विमानों को बनाए रखने के लिए है।

लिहाजा पाकिस्तान को एफ-16 फाइटर जेट को लेकर मदद करने पर मोदी सरकार खुश नहीं है और उसने जो बिडेन प्रशासन को अपनी आपत्तियों से अवगत करा दिया है। हिंदुस्तान टाइम्स ने पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों के हवाले से लिखा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में पाकिस्तान ने ब्रिटिश विमानों के इस्तेमाल से यूक्रेन को गोला-बारूद की आपूर्ति की। ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिका ने ईनाम के तौर पर इस फैसले को लिया है।

फिलहाल अमेरिका द्वारा यह समर्थन केवल पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमानों को बनाए रखने के लिए है। तथ्य यह भी है कि पाकिस्तान को अपने F-16 फाइटर जेट बेड़े के लिए स्पेयर पार्ट्स की सख्त जरूरत है क्योंकि चीनी JF-17 विमान सैन्य दृष्टि से खराब हो गया है।

बता दें कि 2018 के बाद से पाकिस्तान को अमेरिका द्वारा सबसे बड़ी सहायता दी गई है। इससे पहले 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को यूएस द्वारा मिलने वाली सुरक्षा सहायता राशि पर रोक लगा दी थी।

उस दौरान ट्रंप ने कहा था कि आतंकवाद से लड़ाई में पाकिस्तान की तरफ से कोई मदद नहीं हो रही है। हालांकि ट्रंप के जाने के बाद से बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान के लिए अपना खजाना खोल दिया है।