5 फरवरी को अमेरिका से वापस भेजे गए 104 अवैध प्रवासी भारतीय नागरिक जब अमृतसर पहुंचे, तो पंजाब पुलिस की एनआरआई विंग ने उनमें से उसी राज्य के निवासी 30 प्रवासियों को कुछ फोन नंबरों वाली पर्चियां दीं। पुलिस ने उनसे कहा कि वे इन नंबरों का इस्तेमाल बेईमान ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए कर सकते हैं।
हालांकि, अब तक सिर्फ एक ट्रैवल एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है, जो ‘डंकी’ मार्ग (अवैध तरीके से कई देशों को पार करके) के जरिए लोगों को अमेरिका भेजता था। वहीं, एनआरआई विंग के पास अमेरिका से लौटे लोगों के कई कॉल आए हैं। इनमें वे लोग खुद को मीडिया से “दूर” रखने का आग्रह कर रहे हैं। अमृतसर के एक प्रवासी ने ट्रैवल एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई।
मीडिया से दूरी बनाने की कोशिश
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमें अमेरिका से लौटे कुछ लोगों के कॉल आए, जिनमें उन्होंने मीडिया से बचाने की गुजारिश की। पत्रकार उनसे यह जानना चाहते थे कि वे अमेरिका कैसे पहुंचे और किस एजेंट के जरिए गए थे।”
अधिकारी ने बताया कि ये लोग खुद को “स्वेच्छा से पीड़ित” मानते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रैवल एजेंटों ने भारत लौटने के तुरंत बाद उनसे संपर्क किया और जानकारी साझा न करने के लिए दबाव डाला। उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि इन लोगों से कुछ वादे किए गए हैं, जिससे वे शिकायत दर्ज कराने से बच रहे हैं। हो सकता है, उन्हें फिर से किसी अन्य देश में भेजने या उनकी आंशिक रकम लौटाने का भरोसा दिया गया हो।”
गुमनामी में छिपे लोग
कुछ अन्य प्रवासी अपने घरों को बंद करके रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं ताकि मीडिया और परिचितों के सवालों से बच सकें। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ वापस आए लोगों ने दावा किया कि उन्होंने अमेरिका जाने के लिए 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक की रकम चुकाई थी। लेकिन पुलिस का मानना है कि ये दावे बढ़ा-चढ़ाकर बताए गए हो सकते हैं। एक अधिकारी ने कहा, “अगर उन्होंने इतनी बड़ी रकम दी है, तो इसका कोई पुख्ता सबूत भी होना चाहिए। हमारा आकलन है कि ये दावे बढ़ा-चढ़ाकर किए जा रहे हैं।”
पुलिस के मुताबिक, वापस आए प्रवासियों के जरिए ट्रैवल एजेंट झूठी अफवाह फैला रहे हैं कि ‘डंकी’ मार्ग का मुख्य केंद्र दुबई है। एक अधिकारी ने कहा, “ऐसा लगता है कि यह जानकारी जानबूझकर पब्लिक डोमेन में डाली जा रही है ताकि पुलिस और आम जनता को गुमराह किया जा सके।”
मानव तस्करी और अवैध प्रवास की जांच के लिए पंजाब पुलिस ने चार सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है। इसका नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) प्रवीण सिन्हा कर रहे हैं, जो एनआरआई मामलों की देखरेख करते हैं। टीम में एडीजीपी (आंतरिक सुरक्षा) शिव कुमार वर्मा, आईजी (प्रोविजनिंग) डॉ. एस. भूपति और डीआईजी (बॉर्डर रेंज) सतिंदर सिंह शामिल हैं।
पंजाब पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने कहा कि एसआईटी को निर्देश दिया गया है कि वह अवैध गतिविधियों में संलिप्त किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। समिति किसी भी अन्य पुलिस अधिकारी को जांच में शामिल कर सकती है और संबंधित जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से समन्वय कर सकती है। डीजीपी ने यह भी स्पष्ट किया कि एसआईटी को हर जरूरी सहायता और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जाएगा ताकि जांच प्रभावी ढंग से आगे बढ़ सके।