भीमराव आंबेडकर की जयंती पर उनके जीवन से जुड़े कई दिलचस्प किस्से सामने आए हैं। ऐसे ही एक किस्से के मुताबिक, डॉ. आंबेडकर बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ की जीवनी लिखना चाहते थे। लेखक बाबा भांड ने सोमवार को कहा कि संविधान निर्माता डॉ भीम राव आंबेडकर, बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ की जीवनी लिखना चाहते थे।
बाबा भांड ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में बताया कि उन्होंने इस संबंध में 10 अक्टूबर 1950 को आंबेडकर द्वारा सयाजीराव के पोते प्रतापसिंहराव गायकवाड़ को लिखे गए पत्र की सामग्री को शामिल किया है। उन्होंने बताया, “मैंने यह पत्र पांच साल पहले देखा था। पत्र में बाबासाहेब ने कहा था कि वह दिवंगत महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ की जीवनी लिखने का विचार कर रहे थे। मैंने इस पत्र को अपनी पुस्तक ‘महाराजा सयाजीराव और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर’ में शामिल किया है।”
डॉ. आंबेडकर किसकी लिखना चाहते थे जीवनी?
आंबेडकर ने पत्र में लिखा, “आप (प्रतापसिंहराव गायकवाड़) इसे अच्छी तरह समझ सकते हैं। उन्होंने (सयाजीराव गायकवाड़) ही मुझे उच्च शिक्षा हासिल करने में मदद की, जिसके कारण मैं सार्वजनिक जीवन में उच्च स्थान पर पहुंच पाया हूं। वह मेरे संरक्षक थे और मेरी किस्मत संवारी। मैं उनका बहुत आभारी हूं, काश मैं उनका यह कर्ज चुका पाता। ऐसा करने का एकमात्र तरीका उनके जीवन के बारे में लिखना है।”
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आंबेडकर ने लिखा, “उन्होंने (सयाजीराव गायकवाड़) एक व्यक्ति और एक शासक के रूप में इस देश के इतिहास में एक महान भूमिका निभाई है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा अगर ऐसे महान व्यक्तित्व का जीवन बिना किसी अभिलेख के रह जाए।” बाबा भांड ने बताया कि अगर जीवनी लिखी जाती तो महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ और बाबासाहेब आंबेडकर के संबंधों के बारे में अधिक जानकारी मिलती।
डॉ आंबेडकर ने हिंदू समुदाय में एकता को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए- आरएसएस नेता
वहीं, आंबेडकर जयंती के अवसर पर आरएसएस नेता सुनील आंबेकर ने सोमवार को कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर ने समाज में, विशेषकर हिंदू समुदाय में एकता को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख आंबेकर ने कहा कि देश केवल संविधान से चलता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान का ड्राफ्ट तैयार करने में बाबा साहब आंबेडकर का अद्वितीय योगदान था।
संविधान निर्माता आंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर पुणे रेलवे स्टेशन पर उनके स्मारक पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद आंबेकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हो सकता है कि उस समय लोगों को यह बात समझ में नहीं आई हो लेकिन समय बीतने के साथ अब हम समझ गए हैं कि आंबेडकर ने समाज, विशेषकर हिंदू समुदाय को एकजुट रखने के लिए क्या कदम उठाए थे।’’ उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण में आंबेडकर की भूमिका बेजोड़ है। उन्होंने कहा, ‘‘कोई कुछ भी कहे, यह देश संविधान के अनुसार ही चलता है।’’पढ़ें- आंबेडकर की जयंती पर रेखा गुप्ता ने की बड़ी घोषणा
(भाषा के इनपुट के साथ)