अमरनाथ यात्रा एक जुलाई को शुरू होने वाली है। अब वो यात्रा सही तरह से संपन्न हो जाए, इसके लिए शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह ने हाई लेवल मीटिंग की। दिल्ली में ही गृह मंत्री ने ये अहम बैठक की। ऐसे इनपुट मिले हैं कि पाकिस्तान के आतंकी अमरनाथ यात्रा को बाधित करने की कोशिश कर सकते हैं, ऐसे में उनके हर मंसूबे पर पानी फेरने के लिए भी बैठक में मंथन किया गया।
बैठक में क्या चर्चा?
बताया जा रहा है कि इस हाई लेवल मीटिंग में एलजी मनोज सिन्हा, इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ तपन डेका और होम सक्रेटरी अजय भल्ला मौजूर रहे। इनके अलावा सीआरपीएफ डायरेक्टर जनरल एस. एल थाओसेन और कई दूसरे बड़े अधिकारियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। जानकारी मिली है कि बैठक के दौरान गृह मंत्री ने साफ कर दिया है कि अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा पूरी तरह मजबूत रहनी चाहिए।
जानकारी के लिए बता दें कि इस बार पांच लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले हैं। पिछले साल ये आंकड़ा साढ़ें तीन लाख के करीब था। ऐसे में इस बार उस रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी है। वैसे पिछली बार की अमरनाथ यात्रा कई अड़चनों के बाद पूरी हुई थी। बाढ़ की वजह से 16 यात्रियों की मौत हुई थी। ऐसे में इस बार ऐसी स्थिति ना बने, इसलिए पहले से ही ऊपरी इलाको का हवाई सर्वेक्षण किया जाएगा। चेक किया जाएगा कि झीलों का निर्माण तो नहीं हो रहा है, क्योंकि उस स्थिति में ही बाढ़ का सबसे ज्यादा खतरा रहता है।
खाने को लेकर क्या फैसला?
वैसे इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर एक और जरूरी गाइडलाइन जारी की गई है। इस बार खाने की व्यवस्था को लेकर खास नियम बनाए गए हैं। आप इस बार यात्रा के दौरान कोल्ड ड्रिंक, कुरकुरे स्नैक्स, डीप फ्राइड और फास्ट फूड आइटम, जलेबी और हलवा, मिठाइयाँ, पूरियाँ और छोले भटूरे नहीं खा सकेंगे। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड द्वारा खाने के उन आइटम्स की लिस्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है जो यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।
बोर्ड ने एक भोजन लिस्ट तैयार की है जो तीर्थयात्रियों और भोजन परोसने और बेचने के लिए आने वाले लंगर संगठनों, भोजन स्टालों, दुकानों पर लागू होगी। असल में अमरनाथ यात्रा के दौरान 2022 में प्राकृतिक कारणों से करीब 42 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी। इसीलिए यात्रियों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार काफी गंभीर दिखाई दे रही है।