जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार(8 जुलाई) की शाम अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की वजह से बड़ा हादसा हो गया। गुफा के पास आए भारी सैलाब में कई श्रद्धालु बह गए। इस हादसे में अब तक 16 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। वहीं 40 लोग लापता बताए जा रहे हैं। बता दें कि लापता लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

वहीं बादल फटने की संभावित घटनाओं को देखते हुए रामबन जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदारों को हाई अलर्ट पर रहने के आदेश दिए गए हैं।इसके अलावा राहत-बचाव कार्य के लिए मौके पर आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं। गौरतलब है कि सेना ने अबतक 15 हजार श्रद्धालुओं को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया है।

NDRF के डीजी अतुल करवाल ने बताया, “इस हादसे में 16 लोगों के मृत्यु की खबर है और 40 के आसपास लोग लापता हैं। रात साढ़े 4 बजे तक रेस्क्यू का काम चला फिर बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन रोका गया। अब वापस शनिवार की सुबह 6 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है।”

15 हजार लोग सुरक्षित जगह पहुंचाए गये: ITBP अधिकारी विवेक कुमार पांडे ने जानकारी दी, “स्थानीय प्रशासन से हमें सूचना मिली है कि करीब 30-40 लोग अभी गुमशुदा हो सकते हैं। ITBP, भारतीय सेना, NDRF, SDRF और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। गुफा वाले इलाके से हमें कई गुमशुदा लोग मिल सकते हैं।”

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चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला अमरनाथ गुफा के पास बचाव अभियान के दौरान।

उन्होंने कहा, “यात्रा फिलहाल के लिए रोक दी गई है। लोगों को हम सलाह दे रहे हैं कि वह ऊपर न जाए। सभी यात्री सुरक्षित हैं और चिंता की बात नहीं है। दोपहर बाद काफी हद तक स्थिति सामान्य होने की संभावना है और अगर प्रशासन निर्णय लेगा तो यात्रा फिर से शुरू कर सकते हैं।”

क्या रही वजह: मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को बताया कि दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ गुफा मंदिर के पास हादसे में हुई मौतों और विनाश अत्यधिक स्थानीय बारिश के चलते हुआ है। बता दें कि मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार शुक्रवार को शाम साढ़े चार बजे से शाम साढ़े छह बजे के बीच गुफा के आसपास के इलाकों में 31 मिमी बारिश दर्ज की गई। बता दें कि बादल फटने की वजह से मंदिर के पास लगे तंबू और सामुदायिक रसोई कीचड़ और चट्टानों के साथ बह गईं।

श्रीनगर में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सोनम लोटस ने कहा, “यह केवल पवित्र गुफा के ऊपर एक स्थित अत्यधिक घना बादल था। इसलिए ऐसा हुआ। क्योंकि इस साल की शुरुआत में भी ऐसी बारिश हुई थी लेकिन कोई बाढ़ नहीं आई थी।”

आईएमडी के एक वैज्ञानिक ने कहा कि अमरनाथ गुफा मंदिर के ऊपर के क्षेत्र में शाम 5.30 बजे से शाम 6.30 बजे के बीच 28 मिमी बारिश हुई। लोटस ने कहा कि अमरनाथ गुफा मंदिर के पास पहाड़ के ऊंचे इलाकों में भीषण बारिश की संभावना है।

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BSF Rescue teams along with NDRF @ITBP_Official , JK Police, SDRF, @indianarmy.adgpi & Civil Admn teams engaged in tracing missing persons & concerted CASEVAC ops in Upper Holy Cave, Lower Holy Cave & Panjtarni to #Baltal from Neelgrah Helipad. #AmarnathYatra @DDNational @PIB_India @pbns_india
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– Border Security Force (@BSF_India) 9 July 2022