इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज एसएन शुक्ला पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और उनके खिलाफ सीबीआई की जांच भी चल रही है। सुप्रीम कोर्ट के दो चीफ जस्टिस, एसएन शुक्ला के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई करने के निर्देश दे चुके हैं। हालांकि अभी तक आरोपी जज के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी है।

वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जब इस बारे में आरटीआई के द्वारा जानकारी मांगी गई, तो पीएमओ ने इस बारे में कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया है। जज एसएन शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने रिश्वत के बदले एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज का पक्ष लिया।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस रंजन गोगोई भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे जज एसएन शुक्ला के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई कर उन्हें पद से हटाने के निर्देश भी दे चुके हैं। हालांकि अभी महाभियोग की कार्रवाई नहीं हो सकी है।

न्यूज 18 ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत पीएमओ से आरोपी जज के खिलाफ हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी थी। आरटीआई में पूछा गया था कि क्या पीएमओ ने महाभियोग की कार्रवाई के लिए राज्यसभा सचिवालय को पत्र लिखा है या कोई संपर्क किया है?

इसके साथ ही यह भी पूछा गया कि पीएमओ और न्याय विभाग के बीच आरोपी जज को हटाने के विषय में कोई बातचीत हुई है? हालांकि पीएमओ ने आरटीआई के जवाब में कुछ भी बताने से इंकार कर दिया है।

आरटीआई के जवाब में पीएमओ ने कहा है कि जो जानकारी मांगी गई है, वो मामले की जांच में बाधा पहुंचा सकती है। इसलिए आरटीआई एक्ट के सेक्शन 8(1)(एच) के तहत कोई जानकारी नहीं दी जा सकती।

जस्टिस एसएन शुक्ला फिलहाल इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में पदस्थ हैं। हालांकि वह किसी कोर्ट में नहीं बैठ रहे हैं और कानूनी कामों से अलग हैं। पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा के निर्देश पर जज एसएन शुक्ला को कानूनी कामों से अलग रखने के निर्देश दिए गए थे।

जनवरी, 2018 में 3 जजों की आंतरिक कमेटी ने भी जज एसएन शुक्ला के खिलाफ लगे आरोपों की जांच की थी। जांच में जज एसएन शुक्ला के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई करने लायक सबूत पाए गए थे।