जम्‍मू-कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री फारुख अब्‍दुल्‍ला ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। उन्‍होंने शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पूरे हिंदुस्‍तान की फौज मिलकर भी आतंकियों का मुकाबला नहीं कर सकती है। शुक्रवार को अब्‍दुल्‍ला ने कहा था, ‘POK पाकिस्‍तान का हिस्‍सा है और उसी का रहेगा। जम्‍मू कश्‍मीर भारत का हिस्‍सा है और यहीं रहेगा। आप यह बात समझ लीजिए कि बातचीत ही एकमात्र रास्‍ता है।’ शुक्रवार को दिए बयान पर सफाई देते हुए अब्‍दुल्‍ला ने कहा, ‘मैंने इसमें कोई नई बात नहीं कही है।’

फारुख अब्‍दुल्‍ला ने कहा था कि अटल बिहारी वाजपेयी जब बतौर प्रधानमंत्री लाहौर गए थे तो उन्‍होंने पाकिस्‍तान के सामने कश्‍मीर के बंटवारे का प्रस्‍ताव रखा था। अब्‍दुल्‍ला का दावा है कि जब उन्‍होंने तत्‍कालीन पीएम से पाकिस्‍तान के साथ हुई बातचीत के बारे में पूछा तो वाजपेयी ने कहा था, ‘मैंने मसला सुलझाने के लिए उनसे कहा कि कश्‍मीर का वो हिस्‍सा (पीओके) वे रखे लें और ये हिस्‍सा हम रखेंगे। हम लाइन ऑफ कंट्रोल में सुधार कर लेंगे। इससे दोनों देशों के लोगों को यात्रा और व्‍यापार में सुविधा होगी। लेकिन, पाकिस्‍तान ने यह प्रस्‍ताव नहीं माना।’

शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता गिरधारी लाल डोगरा की पुण्‍यतिथि पर अब्‍दुल्‍ला ने यह भी कहा था, ‘आखिर हम कितने साल तक कहते रहेंगे कि यह हमारा हिस्‍सा है। हमने इसे संभव बनाने के लिए क्‍या किया है? क्‍या हमने कश्‍मीर का वह हिस्‍सा अपने में मिला लिया है?’ पाकिस्‍तान से बातचीत को विवाद हल करने का एकमात्र तरीका बताते हुए उन्‍होंने कहा, ‘आज वो इस बात को मानने के लिए राजी हैं, लेकिन आप कम से कम उनसे बात तो करें। अगर हम समाधान चाहते हैं तो यही एक रास्‍ता है।’ उन्‍होंने कहा कि दोनों मुल्‍कों के बीच चार लड़ाइयां हो चुकी हैं और दोनों ओर से लोगों के मारे जाने के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ है।