विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने सीरिया से अपने सभी नागरिकों को निकाल लिया है। शनिवार को भारत लौटे लोगों ने दहशत के उस मंजर को याद किया, जो वह सीरिया में देखकर आए हैं। भारत लौटे लोगों ने भारतीय दूतावास की लगातार संपर्क में रहने के लिए तारीफ भी की है। देर शाम दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के तुरंत बाद कुछ लोगों ने मीडिया के साथ पिछले सप्ताह के अपने अनुभव साझा किए। सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद सरकार रविवार को विद्रोहियों के कई प्रमुख शहरों और कस्बों पर कब्जा करने के बाद गिर गई थी।

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सीरिया से 77 भारतीय नागरिकों को निकालने की पुष्टि की है। उनमें से 44 देश में फंसे तीर्थयात्रा के लिए वहां गए थे, जबकि बाकी 33 वहां रहने वाले या काम करने वाले भारतीय लोग थे।

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सीरिया से निकाले गए लोगों को सड़क मार्ग से लेबनान ले जाया गया। विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, “हमने सीरिया में उन सभी भारतीय नागरिकों को निकाल लिया है, जो उस देश में हाल ही में हुए घटनाक्रम के बाद घर लौटना चाहते थे। अब तक 77 भारतीय नागरिकों को निकाला जा चुका है।” उन्होंने कहा कि दमिश्क में दूतावास के कर्मियों ने निकाले गए लोगों को सीमा तक पहुंचाया, जहां लेबनान में भारत के मिशन ने उनका स्वागत किया।

अधिकारी ने बताया कि बेरूत में उनके रहने और उसके बाद भारत आने की व्यवस्था भारतीय दूतावास ने की है। उन्होंने कहा, “हमारे ज़्यादातर नागरिक पहले ही भारत लौट चुके हैं और बाकी लोग आज या कल वापस आ जाएँगे।” यह भी पुष्टि की गई कि सीरिया की तीर्थयात्रा पर गए 44 जायरीन गुरुवार को बेरूत से क्षेत्र के अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए रवाना हुए हैं। उन्होंने कहा कि सीरिया में भारतीय दूतावास अभी भी काम कर रहा है।

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विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम चल रहे घटनाक्रम के मद्देनजर सीरिया में स्थिति पर नज़र रख रहे हैं। हम सभी पक्षों द्वारा सीरिया की एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर बल देते हैं