यूपी में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) ने सिद्धार्थनगर जिले में 31 दिसंबर को पार्टी वर्करों का सम्मेलन करने का एलान किया है। इस कार्यक्रम में 22 जिलों के कार्यकर्ता शामिल होंगे। हालांकि, इस सम्मेलन में पार्टी के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी शामिल नहीं होंगे। उन्होंने पार्टी के स्टेट प्रेसिडेंट शौकत अली और दूसरे लीडर्स को इस सम्मेलन की तैयारियों के लिए जरूरी निर्देश दे दिए हैं।
शौकत अली ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ”हमने विधानसभा और जिला स्तर के कार्यकर्ताओं के अलावा पार्टी पदाधिकारियों को आमंत्रित किया है। हमारा एजेंट एजेंडा है बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करना। हमारे पार्टी अध्यक्ष ने हमें बूथ लेवल कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं।” इस सम्मेलन में भले ही ओवैसी शामिल नहीं होंगे, लेकिन उनका संदेश यहां पढ़ा जाएगा। अली ने कहा, ”ओवैसी साहब ने हमें दो बारे में निर्देश दिए हैं-पहला यह कि बूथ लेवल पर कमेटी बनाकर पार्टी को मजबूत किया जाए और दूसरा यह कि दलित और मुसलमानों तक पार्टी की पहुंच बढ़ाई जाए। सम्मेलन के दौरान यूपी ईस्ट के कार्यकर्ताओं को ये संदेश दे दिया जाएगा। उन्हें अहम भूमिकाएं सौंपी जाएंगी।”
बता दें कि इस साल फरवरी में एआईएमआईएम ने नेपाल और बिहार की सीमा से सटे यूपी के महाराजगंज जिले में अपनी रैली रखी थी। इसमें हैदराबाद से आए पार्टी लीडर्स शामिल हुए थे, जिनमें एमएलए अहमद पाशा कादरी भी थे। उस बैठक में मुसलमानों के कथित उत्पीड़न और मुजफ्फरनगर दंगों के मुद्दे पर ही बात हुई। अब पार्टी ने ज्यादा सधे हुए राजनीतिक अप्रोच के तहत दलितों को लुभाने का फैसला किया है। पार्टी से जुड़े एक नेता के मुताबिक, एआईएमआईएम खुद को अपेक्षितों और शोषितों की पार्टी जाहिर करना चाहती है। इसी बीच, एआईएमआईएम ने आने वाले असेंबली उप चुनाव में दो सीटों पर लड़ने का फैसला किया है। पार्टी मुजफ्फरनगर में मुस्लिम कैंडिडेट जबकि फैजाबाद के बीकापुर में दलित प्रत्याशी खड़े करेगी। पार्टी ने आश्चर्यजनक ढंग से देवबंद सीट से चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। शौकत ने बताया, ”कैंडिडेट्स के नाम तय हो गए हैं। हम सभी तीन सीटों पर लड़ने के लिए तैयार थे, लेकिन पार्टी आलाकमान ने हमें सिर्फ दो पर लड़ने की मंजूरी दी है। हमें उनके आदेश का पालन करना होगा।”