सपा नेता आईपी सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी थी। उनकी तरफ से राहुल को वंशवादी तक बता दिया गया था। सोशल मीडिया पर जैसे ही वो ट्वीट वायरल हुआ, कांग्रेस ने इसका तगड़ा विरोध किया और एक्शन लेने की मांग सपा प्रमुख अखिलेश यादव से की गई। अब उस दबाव का असर दिख गया है, अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं को साफ निर्देश दिया है कि इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी है।

क्या है पूरा मामला?

अखिलेश ने आईपी सिंह से कहकर उनका विवादित ट्वीट भी डिलीट करवा दिया है। अभी तक सपा नेता ने अखिलेश के एक्शन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वैसे अखिलेश ने इस मामले में तो जरूर कांग्रेस की बात मान ली है, लेकिन एमपी में सीट शेयरिंग को लेकर जो बवाल हुआ है, उसे लेकर उनकी नाराजगी जारी है। कांग्रेस की तरफ से क्योंकि कोई स्पष्टता नहीं मिली है, ऐसे में वे खफा चल रहे हैं।

असल में अखिलेश यादव का आरोप है कि कांग्रेस ने लगातार सपा को कई बैठकों का हिस्सा बनाया, कई सीटों पर मंथन हुआ, देर रात तक बातें होती रहीं। लेकिन जब सीटों का ऐलान किया गया, सपा को एक भी टिकट नहीं मिला। उस बेरुखी पर अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि अगर ये मुझे पहले दिन पता होता कि विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है INDIA का तो कभी मिलने नहीं जाते। हमारी पार्टी के लोग और न ही हम कभी सूची देते कांग्रेस के लोगों को। गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश में केंद्र के लिए होगा तो उसपर विचार किया जाएगा। 

कांग्रेस और अखिलेश के बीच टेंशन

वैसे एमपी में सीटों को लेकर जो असमंजस की स्थिति चल रही है, उसका असर आगामी लोकसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है। असल में लोकसभा चुनाव में यूपी में कांग्रेस को सपा से सीटें चाहिए होंगी। जिस फॉर्मूले के तहत इंडिया गठबंधन आगे बढ़ रहा है, वहां पर जो मजबूत उसे ही सीट देने की बात हुई है। उस स्थिति में यूपी में सपा ज्यादा निर्णायक रहने वाली है।