महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विवादास्पद जमीन सौदे में अपने बेटे पार्थ पवार का बचाव किया है। पवार ने जमीन के रजिस्ट्रेशन के लिए उप-पंजीयक (सब-रजिस्ट्रार) को दोषी ठहराया है।
पत्रकारों ने जब बारामती में उनसे पूछा कि पार्थ पवार इस मामले में खुद सामने आकर सफाई क्यों नहीं दे रहे हैं तो अजित पवार ने कहा, “उनके (पार्थ के) पिता ने पक्ष रख दिया है।”
पवार ने सब रजिस्ट्रार पर आरोप लगाते हुए कहा, “सब- रजिस्ट्रार दफ्तर में बैठे अधिकारी ने वह दस्तावेज कैसे रजिस्टर्ड किया? उसे रजिस्ट्रेशन करने और गलत काम करने के लिए किसने प्रेरित किया? यह हमें जांच से पता चलेगा।”
Exclusive: घोटाले में कैसे हुआ अजित पवार के बेटे को फायदा
राजस्व विभाग ने पहले ही सब-रजिस्ट्रार रविंद्र तारू को 44 एकड़ महार वतन जमीन के रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ियों के मामले में निलंबित कर दिया था।
पवार ने आशंका जताई कि तमाम आरोप स्थानीय निकाय चुनावों की वजह से लगाए गए हैं। अजित पवार ने फिर कहा कि जांच से इस जमीन सौदे की सच्चाई जनता के सामने आ जाएगी।
अजित पवार के बेटे का जमीन सौदा रद्द, फिर भी पार्थ को चुकानी होगी इतनी मोटी रकम
क्या है यह पूरा मामला?
पुणे के पॉश मुंधवा इलाके में 40 एकड़ जमीन 300 करोड़ रुपये में अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी को बेची गई, जिसमें अजित पवार के बेटे पार्थ पवार भी पार्टनर हैं। इस सौदे में गड़बड़ियों के आरोप लगे हैं। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि जमीन का बाजार मूल्य 1,800 करोड़ रुपये था।
पवार ने कहा, “2009 में भी 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले के ऐसे ही आरोप लगे थे। 15 साल बाद भी कोई सबूत नहीं दे पाया और न ही कुछ हुआ। इससे हमारी बदनामी ही होती है। अगर किसी ने कुछ गलत किया है और फिर आरोप लगाए जाते हैं, तो हम समझ सकते हैं। लेकिन दिन-रात जनता के लिए काम करने, संविधान का और सभी कानूनों का पालन करने के बावजूद, वे सुबह से शाम तक आरोप लगाते रहते हैं।”
दबाव में न आएं अफसर- अजित पवार
पवार ने कहा, “इसमें शामिल लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्त समिति मामले की जांच कर रही है।” उप मुख्यमंत्री ने कहा “मैं दोहराना चाहता हूं। चाहे मेरे परिवार के सदस्य हों या करीबी सहयोगी, कोई भी अवैध काम करवाना चाहते हों, मैं अधिकारियों से अपील करता हूं कि वे उनकी कभी न सुनें। उन्हें किसी भी दबाव में नहीं आना चाहिए।”
इस बीच, एनसीपी (शरद पवार) के विधायक और पार्थ के चचेरे भाई रोहित पवार ने कहा, “अगर कोई व्यक्ति सत्ताधारी या विपक्ष के किसी व्यक्ति का रिश्तेदार है और अगर वह किसी गलत काम में शामिल है, तो भी तथ्य जनता के सामने लाए जाने चाहिए।” उन्होंने कहा कि इसमें कोई एक व्यक्ति शामिल नहीं है, यह एक लंबी कड़ी है।
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