Ajay Singh Rahul Madhya Pradesh Congress: कांग्रेस को कई राज्यों में पार्टी नेताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। ताजा मामला मध्य प्रदेश का है, जहां पर कांग्रेस की कार्यकारिणी घोषित होने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय सिंह ‘राहुल’ ने बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। अजय सिंह ने कहा है कि मध्य प्रदेश में आज कांग्रेस के जो हालात हैं, उसके लिए जिम्मेदार पार्टी के नेताओं को ही प्रदेश कांग्रेस की नई टीम में जगह दी गई है।

इसके अलावा हरियाणा में पार्टी नेता विपक्ष का चयन नहीं कर पा रही है। यहां पार्टी को विधानसभा चुनाव में हार के बाद झटका लगा है। उत्तराखंड कांग्रेस में पिछले महीने प्रदेश अध्यक्ष करन महारा द्वारा की गई नियुक्तियों को प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने रद्द कर दिया था। केदारनाथ सीट पर प्रत्याशी चयन को लेकर भी पार्टी नेता आमने-सामने दिखाई दिए।

अजय सिंह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार रहे अर्जुन सिंह के बेटे हैं। अर्जुन सिंह ने कहा है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की खराब हालत के लिए जिम्मेदार नेता ही आज भी पार्टी में प्रभावशाली हैं, ऐसे हालात में क्या किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 20 साल से कुछ ही लोग सारे फैसले ले रहे हैं।

मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राज्य में कैबिनेट मंत्री रहे अजय सिंह ने कहा कि जिन्होंने कांग्रेस को इस हालत में पहुंचाया, आज भी वही लोग फैसले ले रहे हैं… तो फिर पार्टी को भगवान ही बचा सकता है।

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इंदौर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा

मध्य प्रदेश में जीतू पटवारी को अध्यक्ष बनाने के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) की नई कार्यकारिणी का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। जैसे ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीसीसी की नई सूची को मंजूरी दी, प्रदेश में इसका विरोध शुरू हो गया। इंदौर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद टंडन ने पार्टी से इस्तीफे की घोषणा कर दी है। बता दें कि इंदौर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का गृह जिला है।

सारी सीटें हार गई थी कांग्रेस

लोकसभा चुनाव के नतीजे मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए इस बार भी खराब रहे थे। बीजेपी ने यहां सभी 29 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था। 2019 में कांग्रेस एक सीट- छिंदवाड़ा जीती थी लेकिन इस बार वह इस सीट पर भी चुनाव हार गई। चुनाव नतीजों के बाद यह उम्मीद थी कि कांग्रेस जीतू पटवारी के नेतृत्व में नए नेताओं को आगे बढ़ाएगी। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

तब कांग्रेस की हार के लिए अजय सिंह ने पार्टी को हाईजैक करने वाले कुछ बड़े नेताओं की ओर इशारा किया था।

कमलनाथ और दिग्विजय के वफादारों को मिली जगह

मध्य प्रदेश में प्रदेश कांग्रेस की नई सूची आने के बाद कई नेताओं ने इस ओर इशारा किया है कि नई कार्यकारिणी में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के वफादार लोगों को ही जगह दी गई है। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, नई कमेटी में बनाए गए 17 उपाध्यक्षों में से चार नाम कमलनाथ खेमे के हैं जबकि 71 महासचिवों में से भी आधे से ज्यादा कमलनाथ के वफादार हैं। महासचिवों में दिग्विजय सिंह के करीबियों की भी अच्छी संख्या है।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने हैरानी जताई है कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के भरोसेमंद लोगों को भी पीसीसी में शामिल किया गया है।

परिवारवाद का असर, नेताओं के परिजनों को मिले बड़े पद

प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में परिवारवाद की भी छाया साफ दिखाई दे रही है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे और विधायक जयवर्धन सिंह को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को महासचिव और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के भाई सचिन यादव को उपाध्यक्ष बनाया गया है। दिग्विजय सिंह के रिश्तेदार प्रियव्रत सिंह को भी उपाध्यक्ष जैसा अहम पद मिला है।

हरियाणा में नहीं हो पाया नेता विपक्ष का चयन

हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत की उम्मीद थी लेकिन पार्टी को हार मिली है। इसके बाद पार्टी वहां पर नेता विपक्ष का भी चयन नहीं कर पा रही है। नेता विपक्ष के पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद कुमारी सैलजा के खेमे आमने-सामने हैं।

विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस की ओबीसी सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह यादव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने खुद को कांग्रेसी बताया था।