Bihar Politics: बिहार की नीतीश सरकार में कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर सियासी बवाल जारी है। भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे पर राज्य की महागठबंधन सरकार पर लगातार हमलावर है और राज्य सरकार की भी खूब किरकिरी हो रही है। इस पर हो रही एक टीवी डिबेट में राजनीतिक विश्लेषक अजय आलोक ने कहा कि 2024 के मैराथन के लिए तो नीतीश को यह विष पीनी ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नीतीश की सहजता के खिलाफ यह सरकार है, लेकिन उनका ध्यान 2024 की मैराथन पर है, इसलिए वो 2022 की 100 मीटर दौड़ पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

उन्होंने कहा, “2005 में जीतन राम मांझी पर सिर्फ चार्ज फाइल थे और मंत्रिमंडल से इस्तीफा हुआ। 2020 में तारापुर से विधायक स्वर्गीय माखन लाल पर कृषि विश्वविद्यालय के चक्कर में सिर्फ आरोप लगे थे और गवर्नर ने आरोप को सिर्फ मंजूरी दी थी और उनसे इस्तीफा ले लिया गया था। तमाम अंतविर्रोध के साथ यह सरकार बनी है। नीतीश जी की सहजता के खिलाफ यह सरकार है। ये हम सब लोग जानते हैं, लेकिन उनको 2024 का मैराथन दौड़ना है तो यह सब विष तो पीना पड़ेगा।”

वहीं, बिहार में जंगलराज पर उन्होंने कहा कि वो खुद ऐसा परसेप्शन बना रहे हैं। लोग अखबार पढ़ रहे हैं और जो जनता भुगत रही है वो समझ रही है। परसेप्शन ऐसे ही बनता है।

अजय आलोक ने कहा कि सभी पॉलिटिकल क्लास को बैठकर स्टैंड लेना पड़ेगा कि अगर कोई आपराधिक गतिविधि में शामिल है या किसी पर चार्जशीट हो गई तो मंत्रिमंडल में मत जगह दीजिए या टिकट मत दो।

उन्होंने कहा, “बीजेपी विपक्ष में है तो वो सरकार का गुणगान थोड़े ना करेगी। जब आरजेडी विपक्ष में थी तो तेजस्वी यादव क्या सरकार का गुणगान करते थे? विपक्ष तो अपना दायित्व निभाएगा और सत्तापक्ष अपना काम करेगा, लेकिन नीतीश कुमार अपने स्वभाव के विपरीत हैं क्योंकि 2024 का मैराथन है, ये सबको दिख रहा है।”

बता दें कि बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पर अपहरण के एक मामले में वारंट जारी है और उन्हें कोर्ट में सरेंडर करने के लिए कहा गया। जिस दिन उन्हें कोर्ट में पेश होना था उस दिन वो मंत्री पद की शपथ लेने के लिए राज भवन पहुंच गए। इस मामले के खुलासे के बाद से नीतीश सरकार को खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।