भाजपा नेताओं और एअर इंडिया के बीच विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। लेह से दिल्ली की उड़ान को विलंबित करने और यात्रियों को नीचे उतारे जाने के विवाद में घिरे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने तो इस पूरे मामले पर माफी मांग ली लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन खबरों को ‘भ्रामक’ बताया जिसमें कहा गया है कि उनकी वजह से एअर इंडिया के एक विमान को उड़ान भरने में देरी हुई।
उन्होंने कहा कि वे भारत लौटने पर आपराधिक मानहानि की कार्यवाही शुरू करेंगे। जम्मू कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू को चिट्ठी लिखकर मामले का दोष एअर इंडिया पर मढ़ते हुए पायलट के अभद्र व्यवहार की शिकायत की है। सिंह ने कहा है कि एअर इंडिया की छवि धूमिल करने वाले उक्त पायलट के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि मंत्री के रूप में मैं (उड़ानों में वीआइपी को जगह देने के लिए यात्रियों को उतारे जाने और इस सिलसिले में हुई देरी से) प्रभावित सभी लोगों से माफी मांगता हूं। राजू ने कहा कि यदि नियमों का कोई उल्लंघन हुआ है तो हम पूछेंगे कि ऐसा क्यों हुआ और सुनिश्चित करेंगे कि आगे से ऐसा नहीं हो।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एअर इंडिया से इस बाबत रिपोर्ट मांगी है। नागरिक उड्डयन सचिव आरएन चौबे ने यहां कहा कि हम दोनों घटनाओं पर एअर इंडिया से रिपोर्टें आने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने एअर इंडिया से कहा है कि वह जल्दी से रिपोर्ट सौंपे।
रिजिजू ने दार्जिलिंग से कहा कि यदि किसी यात्री को असुविधा हुई है तो मंत्री होने के नाते हमारी यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है तो हमें उनसे सरकार की ओर से माफी मांगनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं हों।
विवाद तब उत्पन्न हुआ जब ये खबरें आईं कि रिजिजू, उनके सहयोगी और जम्मू कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह को गत 24 जून को एक उड़ान में जगह देने के लिए एक बच्चे सहित तीन व्यक्तियों के एक परिवार को उड़ान में बैठने की इजाजत नहीं दी गई।
गृह राज्य मंत्री रिजिजू ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि किसी यात्री को टर्मिनल पर देर से पहुंचने के चलते विमान में बैठने की इजाजत नहीं दी गई। तीन यात्रियों को उतारने के बारे में मुझे बताया ही नहीं गया और अगर उसी समय मुझे बताया गया होता तो ऐसा होने ही नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि उड़ान एआई…446 का मूल प्रस्थान समय 24 जून को पूर्वाह्न 11 बजकर 15 मिनट था और बोर्डिंग समय 10 बजकर 45 मिनट। उन्होंने कहा कि निर्मल सिंह का बोर्डिंग पास इसका ‘सबूत’ है जो उनके साथ ही थे।
उधर, एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा पर गए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘बहुत हो गया। मै भारत वापस आकर आपराधिक मानहानि की कार्यवाही शुरू करूंगा।’ उन्होंने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि वे किसके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करेंगे।
फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘मैं दोहराता हूं कि मेरे द्वारा उड़ान विलंबित करने की खबरें भ्रामक हैं। वास्तव में जब मैं विमान में बैठ गया था तब मैं यह कैसे कह सकता हूं कि मैं प्रतिनिधिमंडल के बिना यात्रा नहीं करूंगा।’ उन्होंने कहा, ‘यदि कोई ऐसी खबर दी गई है जिसमें यह कहा गया है कि मैंने अपने प्रतिनिधिमंडल के बिना यात्रा करने से इनकार किया तो वह सरासर झूठ है क्योंकि मेरे बगल में और मेरे पीछे बैठे यात्री इस बात के गवाह हैं कि मैं चुपचाप बैठकर विमान के प्रस्थान का इंतजार कर रहा था। मैंने एक बार भी नहीं कहा कि मुझे उतार दिया जाए।’
एअर इंडिया के अनुसार मुंबई से नेवार्क की उड़ान संख्या एआइ 191 आंशिक रूप से तकनीकी (संचालात्मक और एटीसी) वजह से 57 मिनट विलंबित हुई। कथित घटना सोमवार को तब हुई जब फडणवीस एक सप्ताह की यात्रा पर अमेरिका जा रहे थे।
कांग्रेस ने इसे लेकर फडणवीस पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि अगर फडणवीस की वजह से उड़ान में देरी हुई तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
जम्मू कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने एयर इंडिया के एक विमान में उन्हें जगह देने के लिए एक परिवार को कथित तौर पर विमान से उतारे जाने के विवाद में पायलट पर निशाना साधा है और उस पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया है। सिंह ने कहा कि कुछ लोगों को शायद देर से आने के कारण विमान में नहीं बैठने दिया गया। निर्मल सिंह ने 24 जून की लेह-दिल्ली उड़ान के पायलट और चालक दल के अन्य सदस्यों पर अशिष्ट व्यवहार का आरोप लगाते हुए इस संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू को पत्र लिखा है।
सिंह ने राजू को लिखा- इस पत्र के जरिए मैं उस उड़ान के पायलट सरन सहित उन सभी अधिकारियों के खिलाफ आधिकारिक शिकायत दर्ज करा रहा हूं जिन्होंने न केवल राष्ट्रीय विमानन कंपनी को अप्रतिष्ठित किया बल्कि जम्मू कश्मीर के लद्दाख के लोगों को नाराज किया जिनका एक उप मुख्यमंत्री के तौर पर मैं प्रतिनिधित्व करता हूं। उन्होंने कहा कि उचित रूप से प्रभावी कार्रवाई की जाए। सिंह ने उस दिन के घटनाक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि विवाद की वजह यह है कि एअर इंडिया समय से पहले विमान रवाना करना चाहता था। मैं अपने ओएसडी के साथ हवाई अड्डे के लिए निकल गया और वहां 10 बजकर 48 मिनट पर पहुंच गया।
उन्होंने कहा कि मैंने अपना बोर्डिंग पास लिया जिसमें बोर्डिंग का समय 10 बजकर 40 मिनट लिखा गया था। यद्यपि मुझे हैरानी हुई जब मुझे यह बताया गया कि पायलट ने विमान का दरवाजा बंद कर लिया है। मैंने दो और परिवारों को वहां परेशान होते देखा जिन्हें विमान में प्रवेश नहीं करने दिया गया था। पायलट सरन अपने गलत कृत्य पर अफसोस जताने के बजाय सीढ़ी से नीचे उतरा और वहां पर नाटकीय स्थिति उत्पन्न करते हुए अशिष्ट व्यवहार किया।
निर्मल सिंह ने नागरिक उड्डयन मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि मुझे चूंकि दिल्ली में पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में हिस्सा लेना था इसलिए मैं विमान में बैठ गया लेकिन मैंने यह जरूरी समझा कि मैं एअर इंडिया के अधिकारियों के गलत व्यवहार की जानकारी दूं, जिससे दूरदराज के क्षेत्र के लोगों को परेशानी हुई।
सिंह ने अपने खिलाफ लगाये गए आरोपों को ‘मीडिया ट्रायल’ करार दिया और कहा कि किसी को विमान से उतारने के बारे में सवाल एअरलाइन से किया जाना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या वे वीवीआइपी ‘संस्कृति’ और इस घटना के लिए खेद जताएंगे, उप मुख्यमंत्री ने कहा कि खेद तो एअर इंडिया को जताना चाहिए। उन्हें मुझसे भी माफी मांगनी चाहिए क्योंकि पायलट ने मुझसे अशिष्ट व्यवहार किया।