Air India News: विमानन कंपनी एयर इंडिया को लॉकडाउन में दौरान कैंसिल हुई उड़ानों का किराया वापस करना का निर्देश जारी हुआ है। यह निर्देश बेंगलुरू में स्थित द्वितीय अतिरिक्त जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की तरफ से जारी हुआ है। बता दें कि एयर इंडिया को एक यात्री को कैंसिल हुई उड़ान पर टिकट शुल्क के 44,029 रुपये लौटाने होंगे।

बता दें कि आयोग ने यह आदेश कोविड-19 महामारी के समय लगे लॉकडाउन के दौरान बेंगलुरु से लंदन जाने वाली एयर इंडिया की उड़ान रद्द होने के सिलसिले में जारी किया है। दरअसल एयरलाइन्स ने यात्री मिलिन जगदीशभाई पारेख को टिकट की कीमत 1,35,143 वापस कर दी थी। हालांकि एयरलाइन्स ने कैंसिलेशन फीस के रूप में 44,029 की काट लिए थे।

ऐसे में पारेख ने मार्च 2020 में इसको लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। दो साल की कानूनी लड़ाई के बाद आयोग ने पारेख के हक में निर्देश देते हुए 44,029 रुपये वापस करने को कहा है। बता दें कि एयर इंडिया को इंसिडेंटल फीस के रूप में काटे गए 5,000 रुपये भी 45 दिनों के भीतर वापस करने का आदेश दिया गया था।

बता दें कि पारेख ने जनवरी 2020 में लंदन के लिए फ्लाइट बुक की थी और उन्हें उसी साल अप्रैल में बेंगलुरु से उड़ान भरनी थी। हालांकि उसी साल मार्च में कोविड-19 महामारी के चलते देशभर में लॉकडाउन लगाया गया था। इसके चलते कई प्रतिबंध भी लगाए गए, जिसमें सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रोक दिया गया था।

प्रतिबंधों के चलते पारेख ने ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल मेकमाईट्रिप पर एयर इंडिया की जो फ्लाइट बुक की थी, उसे रद्द कर दिया गया। पारेख ने बुकिंग वेबसाइट और एयरलाइंस से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद उन्होंने इस मामले में आयोग में शिकायत की।

आयोग ने पाया कि एयरलाइंस ने पारेख को ‘नो-शो’ घोषित किया था। इसका मतलब यह था कि पारेख उड़ान के लिए नहीं पहुंचे थे। जबकि उड़ान प्रतिबंधों के चलते कैंसिल हुई थी। वहीं एयरलाइंस ने पारेख को 30 सितंबर, 2020 से पहले दूसरी उड़ान का वैकल्पिक टिकट देने की पेशकश की थी। आयोग ने कहा कि एयर इंडिया यात्री को ‘नो-शो’ घोषित नहीं कर सकती और टिकट रद्द करने के शुल्क में कटौती नहीं कर सकती, क्योंकि लॉकडाउन के कारण उड़ान प्रतिबंध हुई थी।