वायु प्रदूषण इस समय की सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है। राजधानी दिल्ली को भारत के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में माना जाता है। हालांकि इसी बीच राजधानी दिल्ली की हवा को लेकर अच्छी खबर सामने आई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार बीते छह सालों में यह साल बहुत स्वच्छ रहा है।

केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अनुसार पिछले 6 सालों (2018 से 2024) में दिल्ली की हवा सांस लेने लायक नहीं बची थी। लेकिन इस साल 1 जनवरी से 8 अगस्त तक के बीच हर दिन हवा बेहतर रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मानें तो 8 अगस्त की शाम 4 बजे दिल्ली में AQI 53 रीडिंग थी। दिल्ली की हवा ऐसे समय साफ हुई है जब मानसून सीजन चल रहा है और हर जगह अच्छी बारिश हो रही है।

बीते गुरुवार को दिल्ली में हल्की बारिश हुई है। दिल्ली में हुई बारिश की वजह से जहां उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिली। गुरुवार को तापमान 34.1 डिग्री सेल्सियम दर्ज किया गया है। बारिश की वजह से राजधानी में कई जगहों पर जलभराव और पेड़ों के उखड़ने की जानकारी सामने आई है। जिसके वजह से यातायात भी प्रभावित हुआ है।

एक दिन में हुई रिकॉर्ड बारिश

वहीं मौसम विभाग की माने तो 1 जून से 1 अगस्त के बीच 554.6 मिमी बारिश हुई है। इस दौरान 28 जून को 228 मिमी और 1 अगस्त को 107 मिमी बारिश हुई थी। जबकि 31 जुलाई को रिकॉर्ड 24 घंटे में 108 मिमी बारिश हुई। जो पिछले 14 सालों में एक दिन के भीतर सर्वाधिक बारिश है। वहीं जून में इससे पहले एक दिन में इतनी बारिश 28 जून 1936 को 235.5 मिमी दर्ज की गई थी।

वायु गुणवत्ता का ये हैं मानक

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार जीरो से 50 के बीच एक्यूआई को बेहतर माना जाता है। 51 से 100 को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच वायु गुणवत्ता को मध्यम माना जाता है। वहीं 201 से 300 के बीच को खराब वायु गुणवत्ता माना जाता है। जबकि 301 से 400 बहुत खराब और 401 से 500 को गंभीर माना जाता है।