इंडियन एयर फोर्स के चीफ एयर मार्शल एपी सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ हुए हालिया संघर्ष के दौरान S-400 गेम चेंजर साबित हुआ। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष को लेकर एयर मार्शल एपी सिंह अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना ने इस साल मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के पांच लड़ाकू जेट और एक बड़े एयरक्राफ्ट को मार गिराया था। 

एयर फोर्स चीफ का S-400 मिसाइल सिस्टम की तारीफ करने का बयान रणनीतिक रूप से बेहद अहम है।

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि एयर फोर्स चीफ के बयान के जरिये भारत ने अमेरिका सहित दुनिया को मैसेज देने की कोशिश की है। बताना होगा कि अमेरिका भारत पर टैरिफ को लेकर लगातार दादागिरी करने की कोशिश कर रहा है। दूसरी ओर, चीन और पाकिस्तान करीब आ रहे हैं।

भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक ही वजह बताते हैं कि भारत रूस से तेल खरीद रहा है। ऐसे वक्त में रूस के S-400 मिसाइल सिस्टम पर न सिर्फ भरोसा करना बल्कि इसकी तारीफ करने के पीछे भारत का सीधा मैसेज यही है कि रूस के साथ उसके संबंध बेहद मजबूत हैं।

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क्या है S-400?

S-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम को रूस ने बनाया है और यह सतह से हवा में अपने टारगेट को मार गिरा सकती है। यह 400 किमी की दूरी और 30 किमी की ऊंचाई तक के किसी भी टारगेट (विमान, यूएवी, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल) को मार गिरा सकती है। S- 400 मिसाइल सिस्टम एक साथ 100 टारगेट को ट्रैक कर सकती है और 6 टारगेट को एक साथ निशाना बना सकती है।

रूस ने इससे पहले जितने एयर डिफेंस सिस्टम तैयार किए हैं, उससे यह दोगुनी असरदार है और इसे सिर्फ 5 मिनट के अंदर युद्ध लड़ने के लिए तैयार किया जा सकता है। यह मिसाइल सिस्टम पहली बार 2007 में ऑपरेशनल हुई थी और मास्को की सुरक्षा के लिए इसे काफी अहम माना जाता है। इसे 2015 में रूस की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए सीरिया में तैनात किया गया था। मौजूदा वक्त में S-400 भारत के डिफेंस सिस्टम का एक मजबूत अंग है।

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भारत और रूस के बीच मजबूत हैं रक्षा संबंध

अहम बात यह है कि भारत और रूस के बीच रक्षा संबंध काफी मजबूत हैं और यह सोवियत संघ के जमाने से ही बने हुए हैं। रूस रक्षा मामलों में भारत का भरोसेमंद सहयोगी है जबकि अमेरिका के मामले में ऐसा नहीं कहा जा सकता। हालांकि भारत अमेरिका, फ्रांस और इजरायल सहित कुछ और देशों से भी हथियार और रक्षा उपकरण खरीद रहा है।

मौजूदा वक्त में भारत के सामने बड़ी चुनौती यह है कि एक ओर अमेरिका हमें आंख दिखा रहा है तो चीन-पाकिस्तान का गठजोड़ भी भारत के लिए चिंता का विषय है। अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ हाल ही में ऑयल डील की है और ट्रंप ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर को अपने वहां लंच पर बुलाया था।

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मोदी ने की थी पुतिन से बात

ऐसे वक्त में भारत रूस जैसे रणनीतिक साझीदार पर ज्यादा भरोसा कर सकता है। बताना होगा कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की और उससे एक दिन पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल क्रैमलिन जाकर रूसी राष्ट्रपति से मिले थे।

ट्रंप के साथ टैरिफ को लेकर चल रही तनातनी के बीच ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के लिए चीन जाने वाले हैं और वहां उनकी पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात हो सकती है। कुल मिलाकर एयर फोर्स चीफ की टिप्पणी को लेकर यह माना जा रहा है कि यह अमेरिका, चीन और पाकिस्तान के लिए यह संदेश है कि सैन्य मामलों में भारत के लिए रूस अभी भी एक भरोसेमंद साझेदार है।

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