ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि मुल्क आजाद जरूर हो गया है, लेकिन जो आजादी गौरक्षकों को मिली है, वो उनको नहीं मिलनी चाहिए। हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा असुरक्षित मुसलमान हैं। कहा कि देश के लिए मुसलमानों का योगदान किसी से कम नहीं है। हमें साथ मिलकर आजादी का जश्न मनाना चाहिए।

उन्होंने कहा “मेरे अजीज दोस्तों और बुजुर्गों, फख्र से रहिए। मैं यह बात मानता हूं कि देश में आज जो हालात हैं, मुश्किलात हैं, उसका अंदाजा आपको भी है और मुझे भी है। हिम्मत और हौसले को बुलंद रखना है। यह बात बिल्कुल सही है, शायद बहुत से लोगों को कड़वी लगे, लेकिन भारत में सबसे ज्यादा किसी की बेइज्जती की जाती है तो वह है मुसलमान। भारत में सबसे ज्यादा कोई गैरमहफूज है तो वह मुसलमान है। भारत में सबसे ज्यादा अगर किसी को नजरअंदाज कर दिया जाता है तो वह मुसलमान है।”

ओवैसी ने कहा, “यह कोई टीवी की हेडलाइन के लिए नहीं कह रहा हूं, मुल्‍क आजाद जरूर हो गया, पर गौरक्षकों को जो आजादी है वो उनको नहीं मिलनी चाहिए। जिनकी जबान से गंदगी और बकवास निकलते हैं किसी समुदाय के खिलाफ, किसी मजहब के खिलाफ तो उनको आजादी नहीं मिलनी चाहिए। आजादी का मतलब कतई नहीं कि गौरक्षकों को कुछ भी करने की आजादी मिल जाए।”

उन्होंने पूछा, “मुल्क तो आजाद हो गया, लेकिन क्या आजादी का मजा उन गरीबों को मिल रहा है, उन बच्चों को मिल रहा है, उन ख्वातीनों को मिल रहा है जो आंगनबाड़ी की टीचर हैं। चार हजार की तनख्वाह पर जिंदगी गुजार रही हैं, किसानों को मिल रहा है फायदा कुछ, जिनकी आमदनी कम हो गई है।”

उन्होंने लोगों से अपील की कि आजादी के 75वें वर्षगांठ पर आओ अपने दिलों को मिला लो, जुल्म के खात्मे के लिए अपनी सोच को मिला लो, ताकि गरीबों का एक्सप्लायटेशन कम सके। आओ अपने हाथों को मिला लो, बगलगीर हो जाओ, ताकि हम अपने मुल्क की हिफाजत कर सकें। कहा कि फासीवादी और सांप्रदायिक ताकतें चाहती हैं कि देश की आजादी की जो लड़ाई मुसलमानों ने लड़ी है उसे खत्म कर दिया जाए