‘जनसंख्या असंतुलन’ को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी पर असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है। बता दें कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सबसे अधिक गर्भ निरोधकों का उपयोग मुसलमान कर रहे हैं।

सीएम योगी ने क्या कहा था: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि इस तरह नहीं होना चाहिए कि किसी एक वर्ग की जनसंख्या बढ़ने का प्रतिशत ज्यादा हो, जबकि हम ‘मूल निवासी’ (मूल निवासियों) पर जागरूकता के साथ जनसंख्या नियंत्रण पर काम करते हैं। लोगों को स्थिरीकरण के प्रयासों के जरिए से जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए जागरुक किया जाना चाहिए।”

इसपर ओवैसी ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा, “क्या मुसलमान भारत के मूल निवासी नहीं हैं? अगर हम सच देखें, तो भारत में मूल निवासी केवल आदिवासी और द्रविड़ लोग ही हैं। उत्तर प्रदेश में, बिना किसी कानून के वांछित फर्टिलिटी रेट 2026-2030 तक हासिल की जाएगी।”

योगी सरकार पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि उनके अपने स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए देश में किसी कानून की आवश्यकता नहीं है। ओवैसी ने कहा कि ज्यादातर गर्भनिरोधक का इस्तेमाल मुसलमान ही कर रहे हैं। 2016 में कुल प्रजनन दर 2.6 थी जो अब 2.3 है। देश का जनसांख्यिकीय लाभांश सभी देशों में सबसे अच्छा है।”

दरअसल जनसंख्या नियंत्रण को लेकर छिड़ी बहस संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी एक रिपोर्ट के बाद शुरू हुई है। सोमवार को रिपोर्ट में कहा गया कि भारत 2023 तक दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश हो जाएगा। रिपोर्ट में जनसंख्या के मामले में भारत को चीन से आगे निकलने का अनुमान बताया गया। ऐसे में सीएम योगी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आगे बढ़ना चाहिए लेकिन साथ ही ‘जनसंख्या असंतुलन’ को भी पनपने नहीं देना चाहिए।

जनसंख्या नियंत्रण को लेकर देश में नई बहस छिड़ती नजर आ रही है। बीजेपी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने भी इस मामले पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या विस्फोट किसी मजहब की नहीं, बल्कि देश की मुसीबत है। इसे धर्म और जाति से जोड़ना ठीक नहीं है।