जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सीएम योगी के दिए गए बयान पर अब AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि न ओवैसी और न योगी इस देश के मूल निवासी हैं। जनसंख्या क़ानून के नाम पर ‘मुसलमानों’ के ख़िलाफ़ नफरत का माहौल बनाया जा रहा है।

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यदि हम वास्तविकता देखें, तो मूल निवासी केवल आदिवासी और द्रविड़ लोग हैं। यूपी में बिना किसी कानून के 2026-2030 तक वांछित प्रजनन दर हासिल की जाएगी। ओवैसी ने आगे कहा कि उनके अपने स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए देश में किसी कानून की जरूरत नहीं है। ज्यादातर गर्भनिरोधक का इस्तेमाल मुसलमान ही कर रहे हैं। 2016 में कुल प्रजनन दर 2.6 थी, जो अब 2.3 है। देश का जनसांख्यिकीय लाभांश सभी देशों में सर्वश्रेष्ठ है।

बता दें इससे पहले सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rahman Barq) का एक बार फिर बेतुका बयान सामने आया है। बर्क ने कहा था कि बच्चे पैदा करने का ताल्लुक अल्लाह से है, जाति तौर पर इंसान से नहीं है। अल्लाह खाने-पीने का इंतजाम करके दुनिया में भेजता है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून पर नहीं, बल्कि मुस्लिमों की तालीम पर ध्यान देना चाहिए।

सीएम योगी ने क्या कहा था-
विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर सीएम योगी ने कहा था कि “एक ही वर्ग की आबादी बढ़ने से अराजकता होगी, जनसंख्या का असंतुलन नहीं होना चाहिए।” उन्होंने कहा कहा था कि जब हम परिवार नियोजन और जनसंख्या की बात करते हैं तो हमें इस बात को ध्यान रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण का कार्यक्रम आगे बढ़े, लेकिन जनसांख्यिकी और असंतुलन की स्थिति न पैदा होने पाए। ऐसा ना हो कि किसी वर्ग की आबादी बढ़ने की स्पीड, प्रतिशत ज्यादा हो। जो मूल निवासी हो, उनकी आबादी के स्तरीकरण में जागरूकता के माध्यम से संतुलन पैदा करें।’

जानिए 1951 से 2011 तक किस अनुपात में बढ़ी जनसंख्या-
1951 से 1961 तक पूरे देश में 21.6 प्रतिशत की दर से जनसंख्या बड़ी, जिसमें हिंदुओं की वृद्धि दर 20.7 प्रतिशत., वहीं मुसलमानों की वृद्धि दर 32.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी। वहीं 1981-1991 तक पूरे देश में 23.9 प्रतिशत की दर से आबादी बढ़ी। जिसमें हिंदुओं की वृद्धि दर 22.7 प्रतिशत थी, जबकि मुसलमानों की वृद्धि दर 32.9 प्रतिशत थी। उसके बाद 2001 से 2011 तक की अगर बात करें तो पूरे देश की 17.7 प्रतिशत की दर से आबादी बढ़ी। जिसमें हिंदुओं की वृद्धि दर 16.7 फीसदी थी, जबकि मुस्लिम आबादी 24.7 फीसदी थी।