उत्तर प्रदेश के महोबा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना की मांग की तरफ प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी का ध्यान खींचने के लिये उन्हीं के ‘सेल्फी विद डॉटर’ नारे की तर्ज पर ‘सेल्फी विद पेशेंट’ नामक अनूठी मुहिम शुरू की गयी है।
अभियान के समन्वयक तारा पाटकर ने ‘भाषा’ को बताया ‘‘हमने हर मामले में बेहद पिछड़े बुंदेलखण्ड, खासकर महोबा में मरीजों की दुर्दशा और इसके समाधान के वास्ते यहां एम्स की स्थापना की मांग की तरफ प्रधानमंत्री का ध्यान खींचने के लिये यह अभियान शुरू किया है। उम्मीद है कि हमारी अपील का यह मार्मिक स्वरूप देखा और सुना जाएगा।’’
उन्होंने बताया कि ‘सेल्फी विद पेशेंट’ के तहत किसी मरीज के परिजन उसके साथ ‘सेल्फी’ खींचेंगे जिन्हें फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर समेत सोशल मीडिया के सभी माध्यमों पर डाला जाएगा और उन पर सक्रिय लोगों से इस अभियान का समर्थन करने के लिये उन तस्वीरों को साझा करने को कहा जाएगा।
मालूम हो कि इस अभियान से पहले एम्स की ही मांग को लेकर प्रधानमंत्री को महोबा से करीब 18 भाषाओं में लिखे एक लाख से ज्यादा पत्र भेजे जा चुके हैं। पाटकर ने बताया कि पत्र लिखने के अभियान के तहत मुस्लिम युवाओं, बच्चों ने प्रधानमंत्री मोदी को संस्कृत में खत लिखे थे, जबकि हिन्दुओं ने उर्दू, सिंधी, पंजाबी तथा मलयालम भाषाओं में अपनी भावनाओं को दस्तावेजी रूप दिया था।
खत लिखने के लिये रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, अस्पतालों जैसे सार्वजनिक स्थलों पर शिविर भी लगाये गये थे। स्कूलों ने भी इस मुहिम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री को संस्कृत में लिखे एक लाख और पत्र भेजे जाएंगे।