अहमदाबाद में हुए बेहद भयावह विमान हादसे की जांच में जुटे अफसरों की नजर 5 साल पहले हुई एक दुर्घटना पर भी है। इस दुर्घटना में एयरबेस A321 के उड़ान भरने के बाद दोनों इंजन खराब हो गए थे और इस कारण इस विमान को वापस लौटना पड़ा था। यह विमान टेक ऑफ करने के 11 मिनट के भीतर ही गैटविक वापस लौट आया था।
2020 में हुई इस दुर्घटना की जांच UK Air Accident Investigation Branch (AIIB) ने की थी। AIIB अहमदाबाद विमान हादसे की भी जांच कर रही है।
2020 के विमान हादसे में इंजन के फेल होने के पीछे की वजह फ्यूल सिस्टम में गड़बड़ी होना था जबकि अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर की जा रही जांच में यह सामने आया है कि प्लेन में पावर फेल्योर था या बिजली की कोई गड़बड़ी हुई थी।
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अहमदाबाद में यह विमान हादसा मेघानी नगर इलाके में हुआ था। विमान टेक ऑफ करने के तुरंत बाद हादसे का शिकार हो गया था। चूंकि कई शव बुरी तरह जल गए थे और उनकी पहचान नहीं हो पा रही थी, इसलिए हादसे के बाद पीड़ितों का डीएनए टेस्ट भी कराया गया। विमान में सवार 242 यात्रियों में से सिर्फ एक शख्स ही जिंदा बचा पाया था।
इलेक्ट्रिक सिस्टम में हुई गड़बड़ी
विमान हादसे की जांच में शामिल एक अफसर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि शुरुआती जांच में यह पता चला है कि टेक ऑफ करने के कुछ ही सेकेंड के भीतर ही प्लेन के मेन इलेक्ट्रिक सिस्टम में बिजली चली गई थी। मौके से मिले तमाम साक्ष्य, विमान का मलबा और टेक ऑफ की दुर्घटना के वीडियो से इस बात का साफ पता चलता है कि बिजली में कुछ गड़बड़ी हुई थी और ऐसा किस वजह से हुआ इसका पता ब्लैक बॉक्स का डाटा हासिल होने के बाद चलेगा।
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ब्लैक बॉक्स को भेजा जा सकता है अमेरिका
अफसर ने बताया कि ब्लैक बॉक्स और डीवीआर बरामद कर लिया गया है लेकिन इन डिवाइस को काफी नुकसान पहुंचा है और इसमें से डाटा निकालना बहुत मुश्किल होगा। ब्लैक बॉक्स को अमेरिका भेजने के बारे में भी बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि ड्रीमलाइनर के मलबे से कॉकपिट में किसी गड़बड़ी का कोई संकेत नहीं मिला है और पायलट ने विमान को वापस मोड़ने और इसका मैनुअल कंट्रोल हासिल करने की कोशिश की होगी।
विमान ज्यादा ऊंचाई पर होता तो…
अफसर ने कहा, “इसमें कॉकपिट की कोई गलती नहीं दिखती…जैसे ही प्लेन ने टेक ऑफ किया पावर फेल्योर हुआ और यह ऊंचाई नहीं पकड़ पाया…(Boeing) 787 ड्रीमलाइनर में manual reversion control system है जो पायलट को इस बात की इजाजत देता है कि वह हाइड्रोलिक फेल्योर की स्थिति में सिस्टम पर नियंत्रण हासिल कर लें… अगर यह लगभग 3600-4900 फीट की ऊंचाई पर पहुंच जाता, तो अलग कहानी हो सकती थी…।” यह विमान जब दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो वह सिर्फ 625 फीट की ऊंचाई पर था।
अफसर ने बताया कि यह भी जरूरी होगा कि विमान के पिछले 24 से 48 घंटों के तकनीकी लॉग का विश्लेषण करना होगा जिससे यह पता लगाया जा सके कि क्या कोई तकनीकी गड़बड़ी भी जिसे बीते वक्त में कैप्टन या मेंटनेंस स्टाफ ने नोट किया गया था।
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इस विमान ने 11-12 जून को दिल्ली से पेरिस का चक्कर लगाया था और यह टोक्यो भी गया था। फ्लाइट के मेंटेनेंस रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है। अहमदाबाद में इससे पहले Boeing 787 से जुड़ी कोई दुर्घटना नहीं हुई थी इसलिए अधिकारी बहुत गंभीरता से इसकी जांच कर रहे हैं।
एक इंजन पर भी उड़ सकता है ड्रीमलाइनर
अफसर ने बताया, “ड्रीमलाइनर में advanced electrical system है… यह एक इंजन पर भी पर्याप्त दूरी तय कर सकता है… हाइड्रोलिक फेल्योर के मामले में, उड़ान को मैन्युअल रिवर्सन पर रखा जा सकता है और यह किसी पास की जगह पर सुरक्षित लैंडिंग कर सकता है। फ्लाइट के डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर एक मिनट में बता देंगे कि क्या गलत हुआ था।”
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