Ahmed Patel Political Legacy: कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के सबसे भरोसेमंद और करीबी सहयोगी अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल ने हाल ही में ऐलान किया है कि वह अब कांग्रेस के लिए काम नहीं करेंगे। पटेल के इस ऐलान के बाद सवाल उठ रहा है कि अहमद पटेल की राजनीतिक विरासत का क्या होगा? हालांकि फैसल पटेल की बहन मुमताज पटेल कांग्रेस की प्रवक्ता और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की डेलीगेट हैं।

फैसल ने संकेत दिया है कि वह किसी दूसरे राजनीतिक दल में नहीं जाएंगे। लेकिन सवाल यह भी है कि फैसल पटेल ने पार्टी क्यों छोड़ी? फैसल पटेल अहमद पटेल की ओर से स्थापित किए गए ट्रस्ट के जरिए कल्याणकारी काम करते रहे हैं। फैसल पटेल ने 2022 में कहा था कि शीर्ष नेतृत्व से उन्हें किसी तरह का कोई समर्थन नहीं मिला।

अहमद पटेल के एक करीबी सहयोगी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि फैसल का ध्यान सामाजिक कार्यों पर है जबकि मुमताज पटेल अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की इच्छा रखती हैं। मुमताज पटेल ने अपने भाई के फैसले के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह उनका निजी फैसला है।

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मुमताज पटेल ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में गुजरात में आम आदमी पार्टी के कांग्रेस के साथ गठबंधन के फैसले से वह निराश थीं लेकिन इसके बावजूद वह पार्टी के लिए वफादारी से काम करती रहीं। उन्होंने यह भी कहा कि फैसल और उनके बीच किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है हालांकि पहले ऐसा था लेकिन यह बहुत छोटे स्तर पर था।

कांग्रेस के नेताओं का मानना ​​है कि फैसल के फैसले से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा, खासकर तब जब मुमताज पार्टी में सक्रिय हैं।

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कौन थे अहमद पटेल?

अहमद पटेल का कोरोना के दौरान नवंबर, 2020 में निधन हो गया था। सभी राजनीतिक दलों में उनके दोस्त थे। पटेल को ऐसे नेता के रूप में जाना जाता था जो पर्दे के पीछे से काम करता था और जब पार्टी संकट में होती थी, तब वह संकटमोचक की भूमिका निभाते थे। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने एक बार अहमद पटेल को 24 घंटे सक्रिय रहने वाला राजनेता बताया था।

अहमद पटेल 8 बार सांसद रहे थे जिसमें से तीन बार वह लोकसभा का चुनाव जीते थे। उन्होंने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के लिए पूरी वफादारी से काम किया था। वह 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव रहे थे। जब सोनिया गांधी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं तो अहमद पटेल ही गुजरात कांग्रेस में सबसे ताकतवर नेता थे।

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