कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने बुधवार (6 नवंबर, 2019) को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और गुजरात में सड़क तथा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के मुद्दों पर चर्चा की। सूत्रों ने यह जानकारी दी। गुजरात से राज्यसभा सदस्य पटेल ने गडकरी से उनके कार्यालय में मुलाकात की और अपने राज्य में सड़क तथा बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया।

सूत्रों के अनुसार, उन्होंने बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं में कुछ देरी की ओर ध्यान दिलाया और साथ ही गुजरात में सड़क परियोजनाओं को बेहतर बनाने की मांग भी उठाई। सूत्रों ने यह संकेत भी दिया कि बैठक के दौरान किसी तरह की राजनीतिक चर्चा नहीं की गई। न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी कांग्रेस नेता के हवाले से इस बात की पुष्टि की है। एजेंसी द्वारा पूए गए एक सवाल के जवाब में अहमद पटेल ने कहा, ‘मैंने उनसे किसानों के मुद्दों पर मुलाकात की। यह कोई राजनीतिक मीटिंग नहीं थी और ना ही महाराष्ट्र की राजनीति के मुद्दे पर बातचीत हुई।’

बता दें कि महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच, राजग के सहयोगी घटक आरपीआई (ए) के नेता रामदास अठावले ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी स्थिति का समाधान तलाश पाएंगे, क्योंकि सभी पार्टी के लोग उनका सम्मान करते हैं। आरपीआई (ए) नेता और केंद्रीय मंत्री अठावले ने कहा, ‘‘ मैं गडकरी जी से मिलने जा रहा हूं और महाराष्ट्र की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करूंगा। वह वरिष्ठ नेता हैं और सभी उनका सम्मान करते हैं। मुझे यकीन है कि वह इस संकट को हल करने के लिए निश्चित रूप कोई रास्ता तलाश लेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है और भाजपा एवं अन्य के बीच सीटों का अच्छा-खासा फासला है। इसलिए मुख्यमंत्री पद पर भाजपा का वाजिब अधिकार है न कि शिवसेना का। शिवसेना को उपमुख्यमंत्री का पद दिया जा सकता है।’’ अठावले ने दावा किया कि भाजपा कैबिनेट में बराबर की हिस्सेदारी पर राजी है और कुछ अहम मंत्रालय भी शिवसेना को दिए जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने भाजपा और शिवसेना को सरकार बनाने का जनादेश दिया है न कि कांग्रेस एवं राकांपा को। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ अगर शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाती है तो यह किसी भी राजनीतिक पार्टी के हित में नहीं होगा… यह लोगों द्वारा दिए गए जनादेश के खिलाफ होगा। ’’

गौरतलब है कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित किए गए थे। चुनाव में भाजपा को 105 सीटें मिली हैं, जबकि शिवसेना की 56 सीटें आई हैं। वहीं राकांपा के खाते में 54 सीटें आई, तो कांग्रेस को 44 सीटें प्राप्त हुई हैं। नतीजों के बाद से ही शिवसेना सत्ता में बराबरी की हिस्सेदारी के लिए दबाव बना रही है और मुख्यमंत्री पद पर दावा कर रही है।