कृषि सुधार विधेयक के विरोध में रविवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान हंगामा करने वाले 8 सांसदों को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने बाकी बचे मानसून सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया। जिसके विरोध में ये सांसद संसद भवन परिसर में ही धरने पर बैठ गए।

बता दें कि संसद के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब संसद सदस्यों का धरना प्रदर्शन पूरी रात चला। इससे पहले कुछ विधानसभाओं में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन संसद के इतिहास की यह पहली घटना बतायी जा रही है। इस दौरान धरना करने वाले सांसदों ने अपने-अपने घरों से तकिया और कंबल मंगवाए थे।

चूंकि सांसद खुले में धरना दे रहे थे तो उन्होंने मच्छरों से बचने के लिए मच्छर भगाने वाली दवा भी मंगवा ली थी। इमरजेंसी के लिए मौके पर एक एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई थी। कई विपक्षी सांसद भी धरना कर रहे सांसदों से मिलने पहुंचे और अपने साथ खाना भी लेकर आए।

धरना प्रदर्शन करने वाले सांसदों में से दो कांग्रेस के रिपुन बोरा और सीपीआई के ई करीम की उम्र 65 साल से ज्यादा है। दोनों सांसद डायबिटिक भी हैं। इसलिए उनके स्वास्थ्य को लेकर विशेष चिंता थी। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में उपसभापति के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने और सदन की मर्यादा को भंग करने के चलते ही आठों सांसदों को निलंबित किया गया था लेकिन मंगलवार सुबह उपसभापति हरिवंश ही धरना कर रहे सांसदों के लिए चाय-नाश्ता लेकर पहुंचे।

हालांकि कृषि बिल के खिलाफ अपना विरोध जताने और वैचारिक मतभेद के चलते सांसदों ने चाय नहीं पी। हरिवंश द्वारा सांसदों के लिए चाय लेकर जाने की पीएम मोदी ने भी जमकर तारीफ की। बता दें कि फिलहाल सांसदों का धरना प्रदर्शन समाप्त हो गया है। वहीं कांग्रेस ने आज राज्यसभा से वॉकआउट किया और पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि जब तक सांसदों का निलंबन वापस नहीं होता है तब तक उनकी पार्टी राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेगी।

बता दें कि रविवार को कृषि बिल पर चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों ने बिल के विरोध में रूल बुक फाड़ दी और उपसभापति की कुर्सी तक पहुंच गए और उनका माइक तोड़ने का प्रयास किया। हालांकि बाद में कृषि बिल राज्यसभा से पास हो गया था। वहीं सदन में हंगामा करने के आरोप में 8 सांसदों को संसद के बाकी बचे मानसून सत्र से निलंबित कर दिया था।

जिन सांसदों को निलंबित किया गया, उनमें टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन, डोला सेन, कांग्रेस के सैयद नजीर, रिपुन बोरा और राजीव साटव, सीपीएम के ई.करीम, केके रागेश और आप के संजय सिंह शामिल हैं।