कृषि विधेयक के मुद्दे पर आज राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। बता दें कि कांग्रेस के निलंबित नेता और पार्टी के पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी जिस विधेयक का विरोध कर रही है, वो साल 2019 के पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल था। यही वजह है कि राज्यसभा में इस मुद्दे पर बोलते हुए कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि “भाजपा अध्यक्ष ने हमारे चुनावी घोषणा पत्र के बारे में जो कहा, मैं उसके बारे में बात करूंगा। उन्होंने हमारा घोषणा पत्र पढ़ा है और उसमें से कुछ बिंदू निकालकर अब उनकी तुलना इस बिल से कर रहे हैं।”
अहमद पटेल ने कहा कि हमारा घोषणा पत्र एक घोड़ा था और वो इसकी तुलना एक गधे से कर रहे हैं।” बता दें कि दो कृषि विधेयक राज्यसभा से आज पास हो गए हैं। इस दौरान विपक्ष ने इन विधेयक को लेकर सदन में खूब हंगामा किया। हालांकि बाद में ध्वनि मत से यह बिल सदन में पास हो गए। लोकसभा में इन कृषि विधेयक को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
इससे पहले राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान राज्यसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने कृषि संबंधी दो विधेयकों को किसान विरोधी करार देते हुए आसन के समीप आकर भारी हंगामा किया। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कुछ देर स्थगित करनी पड़ी ।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि उपज एवं कीमत आश्वासन संबंधी विधेयकों को ‘किसान हितैषी’ बताते हुए कहा कि किसानों की उपज की, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था के तहत खरीद हो रही है और यह आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक विधेयक हैं और इनसे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आयेंगे।
तोमर ने कहा कि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य दिलाना सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में एकांगी तरीके से विचार करने से किसानों का हित नहीं होगा और इसके लिये बहुत सारी पहल की गई हैं और आगे भी की जायेंगी।