अग्निपथ योजना के विरोध में देशभर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। योजना के खिलाफ युवा प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरकर वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी कर रहे हैं। उग्र प्रदर्शनकारियों ने उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना समेत कई राज्यों में ट्रेनों में आग लगा दी। ऐसे हालात में न्यूज 24 पर टीवी डिबेट के दौरान बीजेपी प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि सेना में भर्ती की सामान्य प्रक्रिया बंद नहीं होगी। जिसके जवाब में सपा प्रवक्ता ने रक्षामंत्री से यही बयान दिलवाने की मांग की।
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि 60 हजार युवा हर साल सेना में भर्ती होते हैं पर अग्निपथ योजना के तहत चुने गए 46,000 में से 25% युवाओं को रखा जाएगा। जिसका मतलब है केवल 11,500 अग्निवीर ही रखे जाएंगे और बचे हुए 48,500 लोग तो फौज में शेष प्रक्रिया से ही आएंगे। जिस पर एंकर ने सवाल उठाया कि सेना में भर्ती की नॉर्मल व्यवस्था अग्निपथ के आने के बाद भी लागू रहेगी? जिसके जवाब में प्रेम शुक्ला ने कहा कि वो प्रक्रिया बंद तो नहीं होगी। इस पर एंकर ने कहा कि ये बात रक्षामंत्री या किसी सेनाध्यक्ष ने तो कही नहीं जरा उनसे स्पष्ट कराएं।
रक्षामंत्री से बयान दिलवा दें: बीजेपी प्रवक्ता की इस बात के जवाब में सपा प्रवक्ता उदयवीर सिंह ने कहा कि जो युवा अग्निपथ से भर्ती होंगे तो चार साल बाद उनमें से 75% छांटे जाएंगे। ऐसे में सेना की जितनी जरूरत है उतने तो इस योजना से ही भर्ती हो गए ऐसे में अगर पुरानी प्रक्रिया चालू है तो ये एक बार रक्षामंत्री से यही बयान दिलवा दें।
एंकर ने सवाल उठाया कि क्या योजना लागू करने में जल्दबाजी की गयी या युवाओं को ठीक तरह से इसके बारे में समझाया नहीं गया जिसका नतीजा हम सामने देख रहे हैं? इसके जवाब में प्रेम शुक्ला ने कहा, “युवकों को सारी बातें बतायीं भी गईं और समझायी जा भी रही हैं और युवाओं को एक स्वर्ण अवसर प्रदान किया जा रहा है जिसका वो लाभ उठाएं।” उन्होंने कहा कि जो योग्य हैं उनकी जगह कुछ लोग बाद विरोध करने के लिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि वो बारम्बार पराजित हुए हैं।
युवाओं के हित में योजना: बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि सेना में भर्ती होने की उम्मीद रखने वाले जो युवा किसी के बहकावे में आकर प्रदर्शन कर रहे हैं, राज्य सरकार की एक एफ़आईआर उनको अपने आप प्रतियोगिता से डिबार कर दिया जाएगा ऐसे में सेना में भर्ती होने की उनकी इच्छा धरी रह जाएगी। प्रेम शुक्ला ने कहा कि सेना के जो अधिकारी लंबे समय से कैडर अलॉटमेंट या भर्ती प्रक्रिया में संलिप्त रहे हैं उन्होंने दो सालों के लंबे अध्ययन के बाद युवाओं के हित में कोई योजना निकाली है। लोग इस पर भ्रम फैलाकर युवकों को भड़का रहे हैं।
