चुनावी मामलों के दिग्गज प्रशांत किशोर की टीम I-PAC पर त्रिपुरा पुलिस ने केस दर्ज कर दिया है। टीम के 23 लोगों के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 51 बी के तहत एक्शन लिया गया है। टीम के हर एक सदस्य को अलग से सम्मन भी भेजा जा रहा है। टीएमसी ने इसे साजिश करार दिया है। त्रिपुरा गई पार्टी की टीम का कहना है कि बीजेपी टीएमसी के बढ़ते जनाधार से घबरा गई है।
चर्चा थी कि टीएमसी का एक प्रतिनिधि मंडल इस मामले में त्रिपुरा का दौरा कर सकता है। पार्टी के एक सांसद जो हाल ही में नेशनल जनरल सेक्रेट्री बनाए गए हैं वो इस टीम की अगुवाई कर सकते हैं। लेकिन आज बंगाल के मंत्री बी बासु ने अगरतला पहुंचकर कहा कि आईपैक की टीम के सदस्यों पर केस बीजेपी की एक साजिश है, लेकिन न तो पीके की टीम और न ही टीएमसी इससे डरने वाली है। उनका कहना है कि टीम के सभी सदस्यों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव है पर फिर भी पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। ये लोकतंत्र का अपमान है। वो इसका विरोध करने अगरतला आए हैं।
प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC की 23 सदस्यीय टीम तृणमूल के राजनीतिक मूल्यांकन के लिए पिछले एक सप्ताह से त्रिपुरा के अगरतला के एक होटल में डेरा डाले हुए थी। उसे पुलिस ने होटल में नजरबंद कर दिया था। टीम 2023 के राज्य विधानसभा चुनावों से पहले ममता की पार्टी के असर का आकलन कर रही थी।
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी बंगाल में हमारी जीत से इतने बौखला गई है कि उसने अब 23 कर्मचारियों को नजरबंद कर दिया। टीएमसी का मानना है कि बीजेपी इससे डर रही है क्योंकि पार्टी पूरे देश में अपना आधार बढ़ा रही है। उन्हें इस तरह हिरासत में लिया गया मानो वे अपराधी हों।
They'd been forcibly stopped over fake issues despite being COVID negative. We're responsible people, even we'd followed COVID norms to come here. We've come to protest against alarming undemocratic moves: WB Minister Bratya Basu in Tripura on I-PAC team stopped by Tripura Police pic.twitter.com/tULlTurBc4
— ANI (@ANI) July 28, 2021
त्रिपुरा टीएमसी के अध्यक्ष आशीष लाल सिंह ने कहा कि यह घटना बहुत ही चौंकाने वाली है। हमें शर्म आती है क्योंकि यह त्रिपुरा की संस्कृति नहीं है। आई-पीएसी टीम को इस तरह हिरासत में लिया गया मानो वे अपराधी हों। उन्होंने कहा कि टीम त्रिपुरा के लोगों से संपर्क करना चाहती थी। बीजेपी सरकार तृणमूल से डरी हुई है। इसी वजह से बेसिरपैर की हरकत करने पर ऊतारू हो रही है।