प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वॉल्ड की 370 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त कर लिया। यह वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज WazirX की संपत्ति को जब्त करने के कुछ ही दिनों बाद आया है। इस बीच वैश्विक क्रिप्टो एक्सचेंज बिनेंस ने सोमवार को कहा कि वह WazirX के साथ ऑफ-चेन फंड ट्रांसफर को बंद कर रहा है, जो अज्ञात वॉलेट में 2,790 करोड़ रुपये की क्रिप्टो संपत्ति के बाहरी प्रेषण के लिए जांच का सामना कर रहा है।

ईडी कई भारतीय गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) कंपनियों और उनके फिनटेक भागीदारों के खिलाफ आरबीआई के दिशानिर्देशों के उल्लंघन में और व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग करने और अपमानजनक भाषा का उपयोग करने वाले टेली-कॉलर्स का उपयोग करने के लिए एक मनी लॉन्ड्रिंग जांच कर रहा है। यह कंपनियां कर्ज लेने वालों से ऊंची ब्याज दर भी वसूलती हैं।

जांच एजेंसियों का मानना है कि कई फिनटेक कंपनियों में चीनी कंपनियों का निवेश है और इसके लिए वह एनबीएफसी का लाइसेंस नहीं ले सकी हैं। इन कंपनियों ने बंद हो चुकी एनबीएफसी कंपनियों के साथ एमओयू के रास्ते के तहत करार किया। जैसे ही इस मामले की जांच शुरू हुई, भारी मुनाफा कमाने वाली कंपनियों ने अपने कारोबार को बंद कर दिया और कमाए हुए पैसों से क्रिप्टो करेंसी खरीदी और उस पैसे को विदेश भेज दिया।

जांच में सामने आया है कि कि सबसे ज्यादा पैसों का लेनदेन WazirX के साथ हुआ और खरीदे गए क्रिप्टो एसेट किसी अनाम विदेशी वॉलेट में डाइवर्ट कर दिए गए। ईडी का कहना है कि वजीर क्रिप्टो एक्सचेंज ने अमेरिका, सिंगापुर की कई क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनियों के साथ वेब एग्रीमेंट किए। लेकिन अब वजीरएक्स के एमडी निश्चल शेटटी से मिली जानकारी और जैनमई के दावों में अंतर पाया गया है। ईडी ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए कंपनी के बैंक खातों को कुर्क कर दिया है।

जांच एजेंसी ने कुछ दिन पहले बताया था कि उन्होंने 3 अगस्त को हैदराबाद में जानमाई लैब प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर और वजीरएक्स के मालिक के खिलाफ छापेमारी की थी। ईडी ने बताया था कि डायरेक्टर ने पूछताछ के दौरान जांच में सहयोग नहीं किया था।