मुंबई कांग्रेस के भीतर नेताओं की आंतरिक सिरफुट्टौवल एक नए स्तर पर पहुंच गई है। पार्टी की नेता उर्मिला मातोंडकर ने सीनियर नेता और उनके करीबी रहे संजय निरूपम के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। सोमवार को मातोंडकर की एक चिट्ठी लीक हुई है, जिसमें उन्होंने निरूपम के खिलाफ तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया है। चिट्ठी लीक होने के बाद कांग्रेस के भीतर बवाल मचा हुआ है। उत्तरी मुंबई से लोकसभा चुनाव में हार का सामना करने वालीं उर्मिला मातोंडकर ने मुंबई यूनिट के प्रमुख को चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम के दो सहयोगी संदेश कोंडविलकर और भूषण पाटिल के व्यवहार की आलोचना की है।
लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने से पहले 16 मई को लिखे अपने ख़त में उर्मिला मातोंडकर ने मुंबई कांग्रेस यूनिट के तत्कालीन अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को संबोधित करते हुए लिखा है। उन्होंने चुनाव के दौरान स्थानीय स्तर पर पार्टी के नेताओं को सामंजस्य की कमी, जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की भूमिका और चुनाव में उनके दो सहयोगियों पर कैंपेन को सही से हैंडल नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने केंडविलकर और भूषण पाटिल को गैर-जिम्मेदार बताया है। चिट्ठी में मातोंडकर का आरोप है कि कोंडविल्कर ने उनके परिवार को फोन किया और इलेक्शन कैंपेन को पंड करने के कहा। उन्होंने यह भी आरोप लगाए हैं कि उनके परिवार से कहा गया कि वे कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल से फंड रिलीज करने को कहें।
45 वर्षीय उर्मिला मातोंडकर ने चुनाव के दौरान बतौर सहयोगी की भूमिका निभाने वाले दोनों नेताओं पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चिट्ठी में कहा है कि तमाम बाधाओं को बीच मैंने अपना इलेक्शन कैंपेन जारी रखा। हालांकि, चिट्ठी लीक होने के बाद संजय निरूपम ने मिलिंद देवड़ा को निशाने पर ले लिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “एक युवा नेता जो पार्टी के राष्ट्रीय स्तर पर संतुलित करना चाहता है उसने लोकसभा उम्मीदवार की चिट्ठी मीडिया में लीक कर दी।” निरूपम ने आगे लिखा, “चुनाव के बाद यह उनको (मिलिंद देवड़ा) संबोधित करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ लिखा गया था। क्या इसी तरीके से वह पार्टी को मजबूत करेंगे?”